Ashwini Mudra Method and Benefits In Hindi
अश्विनी मुद्रा
आकुंचयेद् गुदाद्वारे प्रकाशयेत् पुनः पुनः।
सा भवेदश्विनी मुद्रा शक्ति प्रबोधकारिणी।।
आश्विनी परमा मुद्रा गुह्यरोग विनाशनीं।
बलपुष्टिकरी चैव अकालमरणं हरेत् ॥ (घे.सं. 3/82-83)
विधि
सुखासन में तनाव रहित बैठिए। नेत्रों को बंद करें व पूरक करें। कुंभक करते हुए गुदा द्वार का बार-बार आकुंचन (संकोचन) करें। यथाशक्ति क्रिया करें। तत्पश्चात् रेचक करें। सुविधानुसार क्रिया करें।
विशेष: श्वास क्रिया सामान्य रखते हुए भी कर सकते हैं।
लाभ
- अकाल मृत्यु का भय ख़त्म होता है।
- गुदा प्रदेश के रोग स्वतः समाप्त हो जाते हैं।
- कुण्डलिनी जागरण में सहायता मिलती है।
- शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं।
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