ACONITUM NAPELLUS Side Effects and Uses In Hindi

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एकोनाइटम नैपेलस (Aconitum Napellus)

(Monkshood)

भय और बेचैनी की हालत, मानसिक और शारीरिक चिन्ता व कष्ट, शारीरिक और मानसिक बेचैनी, डर, एकोनाइट के खास लक्षण हैं ।

ज्वर के साथ किसी रोग का अकस्मात् तीव्र और कठोर आक्रमण इस दवा की आवश्यकता बताता है । स्पर्श से घृणा । एकाएक भारी निर्बलता । रोग और खींचन जो सूखे, ठंडे मौसम में पैदा हो, ठंडी बाहरी हवा से पसीना रुकने से और वे रोग जो बहुत गरम मौसम से पैदा हों, खासकर आँतों और आमाशय सम्बन्धी गड़बड़ी इत्यादि । प्रदाह और प्रदाहपूर्ण ज्वर की पहली दवा । रक्ताम्बु स्रावी झिल्ली और पैशिक तन्तु का रोगग्रस्त होना । आन्तरिक भाग में जलन । चुनचुनाहट, ठंडापन और स्पर्शज्ञान की कमी, इन्फ्लुएन्जा । धमनियों में तनाव, मन में आवेग और शरीर में खिंचन आम पाई जाती है । एकोनाइट देने के समय याद रखिये कि एकोनाइट केवल क्रिया सम्बन्धी गड़बड़ी पैदा करता है । इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता कि वह तान्तविक परिवर्तन भी कर सकता है । इसका प्रभाव अल्पकालीन है और इसमें कोई सामयिकता नहीं पाई जाती । इसका क्षेत्र किसी तीव्र रोग के आरम्भ में है । जब लक्षणों में कोई परिवर्तन आ जाये तब इसे जारी नहीं रखना चाहिए । रक्ताधिक्य की अवस्था में, रसचंयता के पहले । इन्फ्एन्जा (इन्फ्लूएन्जीन) ।

मन — थोड़े से थोड़े रोग में भी बहुत डर, चिन्ता, आकुलता, घबराहट पायी जाती है । सन्निपात में प्रायः चेतना के साथ दुःख, चिन्ता, डर, बकना-झकना सभी की विशेषता रहती है, परन्तु बेहोशी नहीं आती । भविष्य की चिन्ता और डर, मौत से डरना, और यह विश्वास करना कि जल्दी ही मर जायेगा । दिन तक बता देता है । भविष्य का, भीड़ और सड़क पार करने का डर । बेचैन, करवटें बदलना, चौंकने की प्रवृत्ति, कल्पना तीव्र, दिव्य दृष्टि । दर्द सहन न हो, पागल बना दे । संगीत सहन न हो और दुःखी बना दे । (ऐम्ब्रा) । सोचता है कि उसके सभी विचार आमाशय में से आते हैं, जैसे शरीर के अंग अधिक मोटे हैं । सोचता है कि अभी जो हुआ है वह स्वप्नमात्र था ।

सिर — भारीपन, भारी टपकन, गरम जैसे फट पड़ेगा, जलन ऊपर-नीचे होने का संवेदन । सिर में दबाव (हेडेरा, हेलिक्स), जलन के साथ सिर दर्द, मानो मस्तिष्क में पानी खौल रहा हो (इण्डिगो), चक्कर जो उठने से बढ़े (नक्स, ओपि) और सिर पर ऐसा मालूम हो जैसे बाल खींचे जा रहे हों या खड़े हो गये हों । रात में भयानक प्रलाप ।

आँखें — लाल, सूजी हुई । गरम और सूखी मालूम पड़ें, जैसे उनमें बालू पड़ा हो, पलक सूजे हुए, कड़े लाल । रोशनी से बचना चाहे, सूखी ठंडी हवा लगने से बहुत पानी बहे, बर्फ का प्रतिबिम्ब पड़ने से आये उपद्रव, किसी खपची या दूसरी बाहरी चीज को निकालने के बाद की हालते ।

कान — आवाज असह्य, संगीत असह्य । बाहरी कान गरम, लाल, सूजे हुए, दर्द करें । कान दर्द (कैमो) । जैसे बायें कान में पानी की बूंद हो-ऐसा संवेदन ।

नाक — गन्ध असह्य । नाक की जड़ में दर्द । सर्दी-जुकाम, छींक अधिक, नथनों में थरथराहट, चमकदार, लाल रक्त प्रवाह । श्लैष्मिक झिल्ली सूखी, नाक बन्द, सूखी या थोड़ा पानी जैसा स्राव ।

चेहरा — लाल, गरम, भरभराया, सूजा, फूला । एक गाल गरम दूसरा पीला (कैमो, इपिका) । उठने पर लाल चेहरा मुर्दे जैसा पीला हो जाये या चक्कर आये । गालों में सिहरावन और स्पर्शज्ञान शून्यता, स्नायुशूल खासकर बायीं तरफ का । इसके साथ में बेचैनी, सिहरावन और सुन्नपन । जबड़ों में दर्द ।

मुँह — सुन्न, सूखा, टपकन । जबान सूजी, सिरों में टपकन । दाँत ठंडक सहन न करें । निचला जबड़ा हिलाया करें जैसे कुछ चब रहा हो । मसूढ़े गरम और सूजे हुए । जबान पर सफेद मैल (ऐंटिम क्रूडम) ।

गला — लाल, सूखा, संकुचित, सुन्न, गड़न, जलन, डंक लगने जैसा दर्द । तालुमूल सूजे हुए सूखे ।

पेट — कै हो, इसके साथ डर, गरमी, पसीना और पेशाब अधिक । ठंडे पानी की प्यास । पानी के सिवाय सभी चीजों का स्वाद कड़वा । घोर प्यास । जो कुछ पीता है, कै कर देता है और कहता है कि मर जायेगा । पित्त की, श्लेष्मा की और खून की मिली हरी-सी कै । साँस की तंगी से आमाशय में दाब । खून की कै करना । पेट से गले तक जलन ।

पेट — गरम, तना, फूला हुआ, छूना असह्य । आंत्रशूल जो किसी करवट कम न हो । गर्म शोरबा पीने के बाद पाकाशय के लक्षणों में कमी । नाभि प्रदेश में जलन ।

मलान्त्र — गुदा में रात को खाज और चिलकन के साथ दर्द हो । घड़ी-घड़ी ऐंठन के साथ थोड़ा-थोड़ा मल निकले । हरा, महीन कटी हुई हरियाली की तरह । लाल पेशाब के साथ सफेद मल । हैजे का दस्त, पतनावस्था, चिन्ता, बेचैनी के साथ । खूनी बवासीर (हैमामेलिस) बच्चों के पानी जैसे दस्त । वे चिल्लाते हैं और शिकायत करते हैं, बेचैन और सी न पायें ।

पेशाब — थोड़ा गरम लाल, कष्टदायक । मूत्राशय की गर्दन पर जलन और ऐंठन । मूत्रमार्ग में जलन । पेशाब न हो, खूनी पेशाब । पेशाब करने के पहले चिन्तित रहना । पेशाब रुक जाना, साथ में बेचैनी और चीखना और लिंग को पकड़ना । गुर्दा प्रदेश कोमल । अधिक पेशाब होना, इसके साथ पसीना अधिक हो और अतिसार ।

पुरुष — लिंग के सिर पर सरसराहट । फोतों में कचट-दर्द, अण्ड कड़े, सूजे हुए । अक्सर उत्तेजित होना और वीर्यस्खलन होना । कष्टदायक उत्तेजना ।

स्त्री — योनि सूखी, गरम, कोमल । मासिक स्राव मात्रा में अधिक, साथ में नकसीर या बहुत देर में हो और बहुत दिनों तक जारी रहे । मासिक रक्त दिखाई पड़ते ही घबराहट आये । डर या ठंडक से दब गया हो । डिम्बाशय में रक्ताधिक्तय और दर्द । गर्भाशय में तेज दर्द । प्रसवान्तक वेदना, डर और बेचैनी के साथ ।

श्वास-यन्त्र — बायें सीने में लगातार दाब । जरा-सा हिलने से श्वास-कष्ट । खड़खड़ाती, सूख, सुरसुरीदार काली खाँसी । तेज आवाज के साथ और कठिनता से साँस लेना । बच्चा जब भी खाँसता है-गला पकड़ लेता है । भीतर खींची हुई साँस बहुत असह्य । साँस कम गहरी । स्वरनली कोमल । सीने के आर-पार चिलकन । खाँस, सूखी, छोटी, कड़ी, रात में और आधी रात के बाद बढ़े । फुफ्फुस में गरमी लगना । खखारने में खून ऊपर आवे । खाँसने के बाद सीने में चुनचुनाहट ।

दिल — दिल धड़कना, दिल की बीमारी, बायें कन्धे में दर्द के साथ सीने में चिलकन दर्द, धड़कन के साथ उत्सुकता । गशी और अंगुलियों के सिरों में चुनचुनाहट । नाड़ी भरी हुई, कड़ी, खिंची-सी उछलती हुई, कभी-कभी रुकती चाल । बैठने पर कनपटी और गर्दन की धमनी की गति सुनाई दे ।

पीठ — सुन्न, कड़ी, वेदनापूर्ण रेंगने जैसी चुनचुनाहट, मानों कुचली गयी हो । गर्दन की जड़ में कड़ापन, कंधों में कुचले जाने जैसा दर्द ।

अंग — सुन्न और चुनचुनाहट, गोली लगने की तरह का दर्द, बर्फ-सी ठंडक और हाथ-पैर का सुन्न होना । बायीं बाँह के नीचे तक दर्द उतरे (कैक्टस, क्रोटैल, कैलमि, टेबेकम) । हाथ गरम और पैर ठंडे । जोड़ों का वातिक प्रदाह, रात में कष्ट बढ़े, लाल चमकदार सूजन । अति कोमल, कूल्हों और जाँघ के जोड़ लँगड़े मालूम हों खासकर लेटने के बाद । घुटने लड़खड़ायें, पैर पीछे को मुड़ने की प्रवृत्ति (एस्क्यूलस) । सभी जोड़ों की नसें कमजोर और ढीली । जोड़ों में बिना दर्द कड़कड़ाहट । दोनों हाथों पर चमकदार लाल उभरन । जाँघों के ऊपर पानी की बूंदें टपकती जान पड़ें ।

नींद — दुःस्वप्न । रात को बकना । उत्सुक स्वप्न । अनिद्रा, बेचैनी और बिस्तर में करवटें बदलना (30 शक्ति का प्रयोग करें) । नींद में चौंकना । लम्बे स्वप्न, सोने में व्यग्रता, बूढ़ों को नींद न आना ।

चर्म — लाल, गरम-सूजा हुआ, सूखी लाल फुन्सियाँ । शीतला जैसे दाने । चुचुकन, सुरसुरी और पीठ में गनगनी तथा रेंगन जैसी । तीव्र खाज-जो उत्तेजक औषधियों से कम हो ।

ज्वर — शीतावस्था विशेष है । ठंडा पसीना और चेहरा बरफ-सा ठंडा । ठंडक और गरमी बारी-बारी से । बिस्तर में जाने के बाद सर्दी लगे । ठंडी लहरें शरीर से गुजरती हैं । प्यास और बेचैनी साथ रहती है । कपड़ा हटाने और छूने से सर्दी लगे । सूखा, गरम, लाल चेहरा । अति लाभदायक ज्वरनाशक दवा है जबकि मानसिक कष्ट और बेचैनी इत्यादि साथ हों । इससे सभी लक्षणों में कमी हो जाती है ।

घटना-बढ़ना — खुली हवा में कम, गरम कमरे में शाम को और रात में बढ़ना, रोगग्रस्त करवट लेटने से, संगीत से, धूम्रपान से, सूखी ठंडी हवा से बढ़ना । अधिक मात्रा में सिरका पीने से इस औषधि का विष नष्ट हो जाता है ।

सम्बन्ध — तेजाबी पदार्थ, शराब, कॉफी, लेमीनेड और खट्टे फल इस औषधि की क्रिया को प्रभावित करते हैं । मलेरिया, मन्द ज्वर, क्षय ज्वर, रक्त-विष दोष और स्थानान्तरित प्रदाह में प्रयोग नहीं होता । अक्सर इसके बाद सल्फर दिया जाता है ।

तुलना कीजिये — कैमोमिला और कॉफिया से घोर पीड़ा और अनिद्रा में । एग्रोस्टिस और स्पाईरैन्थस ज्वर और सूजन में एकोन की तरह काम करते हैं ।

पूरक — कॉफिया, सल्फर । सल्फर को ‘जीर्ण एकोन’ समझना चाहिए । अक्सर एकोन के शुरू किये काम को सल्फर पूरा करता है ।

तुलना — बेलाडो, कैमो, कॉफिया, फेरम फास

एकोनिटाइन — सीसे जैसा भारीपन, आँख के घेरे के स्नायु में विशेष दर्द । बर्फ जैसी ठण्डक ऊपर को रेंगे । जलांतक के लक्षण, कानों में टुनटुनाहट की आवाज 3x, टुनटुनाहट की संवेदना ।

एकोनाइटम लाइकोटोनम — ग्रेट यलो उल्फसबेन-ग्रन्थियों में सूजन, जिस करवट लेटे वह पसीने से तर हो जाता है । सूअर का मांस खाने के बाद आयी अतिसार की शिकायत । नाक, आँख, गुदा, योनि में खाज । नाक की खाल चिटकी हुई, रक्त जैसा स्वाद ।

एकोनाइटम कैमेरम — चक्कर आये और कानों में गूँज के साथ सिर दर्द । अकड़न के लक्षण । जुबान, होंठ और चेहरे पर सुरसुरी ।

एकोनाइटम फेरोक्स — इण्डियन एकोनाइटएकोनाइटम नैपेलस से अधिक उग्र है । यह अधिक मूत्रवर्धक और कम ज्वरनाशक है । यह हृदय रोग सम्बन्धी श्वास कष्ट, नाड़ी शूल तीव्र और गठिया में लाभदायक सिद्ध हुई है । श्वास-कष्ट जिसमें बैइना आवश्यक हो । तीव्र श्वास (श्वास पेशियों) का लकवा, दम घुटने के अनुभव के साथ चिन्ता । ऐसा दमा जो हृत्पेशियों के प्रदाह के कारण हृदय में रक्त की अधिक मात्रा आ जाने से हो), क्वेक्रैको (हृदय सम्बन्धी श्वास-कष्ट), एकीरेन्थस-मैक्सिको की एक दवा-ज्वर में एकोनाइट की तरह है, मगर विस्तृत क्षेत्र वाली दवा है जो आंत्र ज्वर और सविराम ज्वरों में भी लाभदायक है । पेशीवत, विख्यात पसीना लाने वाली 6x प्रयोग करें । एरैन्थिस हिग्नैलिस — विण्टर एकोन सूर्यचक्र पर काम करती है और ऊपर की तरफ प्रभाव डालती है जिससे श्वास कष्ट होता है, गर्दन और उसके साथ सिर के पिछले भाग में दर्द ।

मात्रा — ज्ञानेन्द्रियों के रोग पर 6 शक्ति और प्रदाह की दशा में 1-3 शक्ति । तीव्र रोग में जल्दी-जल्दी दोहराना चाहिए । एकोनाइट तेज काम करने वाली दवा है । स्नायुशूल में जड़ का टिंचर बनाकर प्रयोग करना चाहिये, एक बूंद की मात्रा (विषैली) या फिर 30 शक्ति जैसी मरीज की ग्रहण शक्ति हो ।

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