Baidyanath Mahalaxmivilas Ras (40tab) : For Relief in Sinusitis, Cold, Cough , fever, tonsilitis
Also known as
महालक्ष्मीविलास रासी
Properties
वज़न
16 (ग्राम)
आयाम
3.7 (सेमी) x 3.7 (सेमी) x 5.8 (सेमी)
About Mahalaxmivilas Ras
महालक्ष्मीविलास रस एक जड़ी-बूटी युक्त आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें स्वर्ण (स्वर्ण), अभ्रक, ताम्र, वांग, और अन्य हर्बल सामग्री की आयुर्वेदिक भस्म शामिल है। यह अत्यधिक कफ और सांस की बीमारियों में राहत प्रदान करता है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और हृदय, फेफड़े और आंत को ताकत देता है। महालक्ष्मीविलास रास टॉन्सिलिटिस, साइनसिसिस, लिम्फ नोड्स की सूजन और गले के विकारों में संकेत दिया गया है। पुरानी बीमारी होने पर रोगी को कमजोर होने पर मंडुरा औषधि के साथ दिया जाता है। इस औषधि के सेवन से सभी प्रकार के दर्द और दुर्बलता दूर हो जाती है।
रस औषधि (पारद युक्त औषधि) तेज गति से काम करने वाली होती है। वे पूरे शरीर का पोषण करते हैं और इसमें टॉनिक, कामोद्दीपक, कायाकल्प करने वाला, बुढ़ापा रोधी, घाव भरने वाला और रोगाणुरोधी प्रभाव होता है।
Ingredients of Mahalaxmivilas Ras
- वज्र चूर्ण भस्म (अभ्रक)
- गंधक शुद्ध:
- वंगा भस्म
- परदा शुद्ध:
- हरिताल शुद्ध
- ताम्र भस्म
- करपुरा
- जातिकोश (जातिफला)
- जातिफला
- वृद्धादारुका बीज (वृद्धदारुका)
- स्वर्ण
- स्वर्ण भस्म:
- अभ्रक
Indications Mahalaxmivilas Ras
- यह संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा में सुधार करता है।
- यह शक्ति देता है और रोग के कारण होने वाली सामान्य दुर्बलता को ठीक करता है।
- यह कफ को कम करता है और सांस की बीमारियों को ठीक करता है।
- यह विभिन्न हृदय विकारों में उपयोगी है।
- यह हृदय, फेफड़े और आंत के समुचित कार्य का समर्थन करता है।
- यह साइनसाइटिस, टॉन्सिलिटिस, गले के रोग, हृदय रोग और आंतों के रोगों में राहत देता है।
- यह हृदय की रक्षा करता है।
- कासा (खांसी)
- पिनासा (क्रोनिक राइनाइटिस/साइनसाइटिस)
- राजयक्ष्मा (क्षय रोग)
- अमावता (गठिया)
- वाजीकरण (कामोद्दीपक)
- गाला रोगा (गले के रोग), लिम्फैडेनोपैथी
- अंतर वृद्धि (हर्निया)
- कुष्ठ (त्वचा के रोग), न भरने वाले घाव
- अतिसार (दस्त)
- प्रमेह (मूत्र विकार)
- श्लिपदा (फाइलेरिया)
- व्रण (अल्सर)
- नादिवराना (फिस्टुला)
- भगंदरा (फिस्टुला-इन-एनो)
- अर्शा (बवासीर)
- उदारा (पेट के रोग/पेट का बढ़ना)
- रक्तविकार (रक्त विकार)
- स्त्री रोग (स्त्री रोग संबंधी विकार)
- तवाग्रोगा (त्वचा रोग)
- नासा रोग (नाक का रोग)
- नेत्ररोग (नेत्र विकार)
- मुख रोग (मुंह के रोग)
- शुला (कोलिकी दर्द)
Dosage of Mahalaxmivilas Ras
1 या 2 गोली दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लें
Precautions of Mahalaxmivilas Ras
- इस दवा के साथ स्व-दवा खतरनाक साबित हो सकती है,
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस दवा को सटीक मात्रा में और सीमित समय के लिए ही लें।
- अधिक खुराक से गंभीर जहरीला प्रभाव हो सकता है।
- गर्भावस्था, स्तनपान और बच्चों में इससे बचना सबसे अच्छा है।
- बच्चों की पहुंच और दृष्टि से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर करें।
Terms and Conditions
हमने यह मान लिया है कि आपने इस दवा को खरीदने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श किया है और आप स्वयं दवा नहीं ले रहे हैं।
Attributes | |
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Brand | Baidyanath |
Remedy Type | Ayurvedic |
Country of Origin | India |
Form Factor | Ras |
Price | ₹ 105 |
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