BENZOLUM Homeopathic Materia Medica In Hindi

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बेन्जीनम (Benzenum)

(बेन्जोल, सी 6, एच 6)

बेन्जोल के परीक्षण में जो विशेषता देखी गयी वह इसका रक्त-संचार पर प्रभाव था । मनुष्य पर परीक्षणों में लाल रक्तकोष कम हो गये और श्वेतकोष बढ़ गए हों । (आर. एफ. रैबे. एम. डी.) ।

यह रक्त में श्वेतकण की अधिकता में गुणकारी हो सकता है । आँख के लक्षण आश्चर्यजनक हैं । दृष्टिभ्रम-मिर्गी की तरह हमले, अचेतनता और सुन्न ।

सिर — बिस्तर और फर्श पर गिरने का भय । नीचे से ऊपर की तरह चलने वाला दर्द । थका हुआ और घबराया हुआ । माथे से नाक की जड़ तक दर्द । चक्कर आये । सिर में दाब जैसा प्रतीत हो । दाहिनी तरफ का सिर दर्द ।

आँखें — काल्पनिक दृष्टि-भ्रम । आँखें खुली रहें । पलकों का फड़कना, प्रकाश असह्य, चीजें धुंधली दिखाई दें । आँखों और पलकों में टीस । पुतली का फैलना । प्रकाश की प्रतिक्रिया नहीं होती, खासकर दिन की ।

नाक — अधिक पतला जुकाम । खासकर तीसरे पहर जोर-जोर से छींकें ।

पुरुष — दाहिने अण्ड की सूजन । अण्ड में तीव्र दर्द । अण्डकोष का बहुत खुजलाना । अधिक पेशाब ।

अंग — अंगों में भारीपन, टाँगें ठण्डी, घुटने में अधिक झटके । दर्द नीचे से ऊपर तक चढे़ ।

चर्म — छोटी माता जैसे दाने । जिस करवट लेटा हो उसके दूसरी करवट पर पसीना आये । सारी पीठ में खुजली ।

घटना-बढ़ना — रात में, दाहिनी तरफ अधिक ।

मात्रा — 6 शक्ति ।

सम्बन्ध तुलना कीजिए — बेंजिन-पेट्रोलियम ईथर-बेन्जीन (बेन्जोल) की तरह उतना शुद्ध पदार्थ नहीं है । यह वही है मगर इसमें हाइड्रो कार्बन मिला है । इसका विशेष प्रभाव स्नायुमण्डल और रक्त पर है । शारीरिक दुर्बलता, ऐंठन, घुटने में झटके अधिक आना, मिचली, वमन, चक्कर, अंगों का भारीपन और ठंडापन । पलक और जुबान में झटके, बेन्जिन डाइनाइट्रिकम डी.एन.बी. । काला मूत्र । बेन्जिन नाइट्रिकम मिर्बेन-गहरा काला खून, कठिनता से जमे । मस्तिष्क की शिराओं में रक्ताधिक्य और शरीर भर में शिराओं का रक्त से भर जाना । मुँह में जलन । होंठ, जिह्वा, चर्म, नाखून, आँखों की पुतली नीली । चर्म ठंडा, नाड़ी छोटी, कमजोर, साँस धीमा और अक्रमिक, अचेतनता-मूर्च्छा, निद्रा के लक्षण । आँखों का उनके खड़ी रेखा में ऊपर-नीचे घूमना, पुतली फैली हुई । आँखों की अस्थिरता । साँस बहुत धीमा, कष्टदायक, आहें भरना (ट्रिनाइट्रोटोल्यून)

(टी.एन.टी.) ट्रोटाइल-घोर विस्फोटक हैं जो नाइट्रेटिंग टोल्यून द्वारा बनता है-कोलतार बनाते समय निकलता है ।

जब चर्म या बाल टी.एन.टी. से स्पर्श द्वार प्रभावित किया जाता है तो चर्म पीला नारंगी रंग का हो जाता है जो हफ्तों तक वैसा ही रहता है । घातक रक्त-हीनता और कामला । यह दवा घातक कामला रोग पैदा करती है ।

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