About Dhootapapeshwar Abrak Bhasma
धूतपापेश्वर अभ्रक भस्म खनिज, अभ्रक का निस्तापन है। यह आयुर्वेद का एक स्थापित रसायन (कायाकल्प करने वाला टॉनिक, सभी धातुओं को पोषण देता है और ओजस बनाता है, उम्र बढ़ने से रोककर और शरीर को फिर से युवा बनाकर) दीर्घायु को बढ़ावा देता है।
अब्रक भस्म हमारे शरीर और विभिन्न सूक्ष्म-ऊतकों में अपनी पैठ और फैलाने वाली संपत्ति के लिए जाना जाता है, जिसके कारण यह ऊतक बहाली में मदद करता है। यह दवा शुद्धिकरण, जलन और चूर्णीकरण जैसी प्रक्रियाओं को शामिल करके अभ्रक को जड़ी-बूटियों की संख्या के साथ मिलाकर तैयार की जाती है। दवा में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और एल्युमिनियम की मात्रा भी होती है।
अभ्रक भस्म विभिन्न रोगों में इसके उपचारात्मक गुणों के कारण यह एक अद्भुत औषधि है।
Indications Of Dhootapapeshwar Abrak Bhasma
शरीर प्रणालियों के अनुसार अभ्रक भस्म संकेत नीचे दिए गए हैं
Nervous system
- पुराना सिरदर्द
- माइग्रेन
- स्मृति
- सिर का चक्कर
Psychological Diseases
- मानसिक कमजोरी के साथ चिंता
- अनिद्रा या नींद न आना
- आत्महत्या की प्रवृत्ति के साथ अवसाद
- चिड़चिड़ापन (मुक्ता पिस्ती के साथ)
- सिज़ोफ्रेनिया (रजत भस्म के साथ)
- मानसिक तनाव
- ध्यान आभाव सक्रियता विकार
Abdominal Diseases (Liver & Abdomen)
- पेट की गैस
- पेट में जलन
- व्रण
- जिगर इज़ाफ़ा
- पीलिया
- प्लीहा इज़ाफ़ा
- संवेदनशील आंत की बीमारी
Respiratory Diseases (Lungs)
- साँस लेने में कठिनाई
- दमा
- खाँसी
- पुरानी खांसी
- काली खांसी
Heart & Blood
- दिल की कमजोरी
- घबराहट
- रक्ताल्पता
- दिल की असामान्य वृद्धि
Men’s Diseases
- बांझपन
- नपुंसकता
- अल्पशुक्राणुता
Women’s diseases
- प्रसवोत्तर अवसाद
- रजोनिवृत्ति के लक्षण
Important Therapeutic Uses
- अग्निमांड्या (पाचन दोष)
- ग्रहानी (Malabsorption syndrome)
- प्लिहा (प्लीहा रोग)
- उदारा (पेट के रोग/पेट का बढ़ना)
- क्रिमी (हेल्मिंथियासिस/कृमि संक्रमण)
- जिगर के रोग
- कफरोग (कफ दोष के कारण होने वाला रोग)
- कासा (खांसी)
- श्वासा (डिस्पेनिया/अस्थमा)
- ज्वर (बुखार)
- रक्तपित्त (रक्तस्राव विकार)
- प्रमेह (मूत्र विकार)
- पेशाब में जलन
- मूत्र प्रतिधारण
- गुर्दे के रोग
- पांडु (एनीमिया)
- केशा पटाना (बालों का झड़ना)
- तवाग्रोगा (त्वचा रोग)
- जरा (बुढ़ापा/प्रोजेरियासिस)
- नपुंसकता (नपुंसकता)
- वीर्यपात
- कम शुक्राणुओं की संख्या
- प्रजनन क्षमता और ताक़त में सुधार
- कुष्ठ (त्वचा के रोग)
- ग्रंथी (सिस्ट), विशा
Ingredients Of Dhootapapeshwar Abrak Bhasma
- अभ्रक (बायोटाइट/काला अभ्रक)
- लोहा
- मैगनीशियम
- पोटैशियम
- कैल्शियम
- एल्युमिनियम (निशान में)
- संयंत्र एल्कलॉइड (निशान में)
Dosage Of Dhootapapeshwar Abrak Bhasma
अभ्रक भस्म की खुराक वयस्कों में प्रति दिन 750 मिलीग्राम और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 250 मिलीग्राम प्रति दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- 0 से 1 वर्ष की आयु के बच्चे – 15 मिलीग्राम से 30 मिलीग्राम दिन में दो बार
- आयु वर्ग 1 से 10 वर्ष-30 मिलीग्राम से 125 मिलीग्राम दिन में दो बार
- वयस्कों में खुराक-125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम दिन में दो बार या दिन में तीन बार
Precautions of Dhootapapeshwar Abraka Bhasma
- यह दवा केवल सख्त चिकित्सकीय देखरेख में ही ली जानी चाहिए।
- इस दवा के साथ स्व-दवा खतरनाक साबित हो सकती है।
- ओवरडोज से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- गर्भावस्था, स्तनपान और बच्चों में इसका बहुत सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए, केवल तभी जब निर्धारित चिकित्सक द्वारा बहुत आवश्यक हो।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस दवा को सटीक मात्रा में और सीमित समय के लिए ही लें।
- बच्चों की पहुंच और दृष्टि से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर करें।
Terms and Conditions
हमने यह मान लिया है कि आपने इस दवा को खरीदने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श किया है और आप स्वयं दवा नहीं ले रहे हैं।
Attributes | |
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Brand | Dhootapapeshwar |
Remedy Type | Ayurvedic |
Country of Origin | India |
Price | ₹ 540 |
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