Dhootapapeshwar Heerak Bhasma (100mg) : Indicated in internal abscess, tumor, cancer, angina pectoris and tuberculosis.
Also known as
हीरा भस्म, वज्र भस्म
About Heerak Bhasma
हीरा (वज्र) भस्म (हीरक भस्म, हीरक भस्म, वज्र भस्म, हीरा भस्म और हीरा भस्म या डायमंड भस्म के रूप में भी लिखा जाता है) एक आयुर्वेदिक कैलक्लाइंड दवा है। इसमें शरीर में इम्युनोमोड्यूलेटर, एनोडीन, रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी, विरोधी भड़काऊ और कैंसर विरोधी कार्रवाई है। यह कैंसर, नपुंसकता, मोटापा, तपेदिक, फिस्टुला आदि के प्रबंधन में एक निवारक और साथ ही चिकित्सीय भूमिका निभाता है। आयुर्वेद के अनुसार, हीरा (वज्र) भस्म में सभी छह स्वाद होते हैं, तीनों दोषों (शरीर के हास्य) को शांत करते हैं और शक्ति को बढ़ाते हैं। अन्य दवाओं के। चिकित्सकीय रूप से, इसकी मुख्य क्रिया शरीर में पित्त दोष के प्रभुत्व पर दिखाई देती है। दूसरी क्रिया शरीर में कफ दोष के प्रभुत्व पर देखी जा सकती है। यह वसा को कम करता है, वसा के संचय को रोकता है, सेल्युलाईट को तोड़ता है और शरीर में समग्र चयापचय में सुधार करता है।
Medicinal Properties of Heerak Bhasma
- हीरा (वज्र) भस्म में निम्नलिखित उपचार विशेषताएं हैं।
- कैंसर विरोधी
- विरोधी mutagenic
- एंटिएंजिनल
- इम्यूनोमॉड्यूलेटर
- कायाकल्प
- adaptogenic
- एंटीऑक्सिडेंट
- तनाव विरोधी
- कामोद्दीपक
- एनाल्जेसिक या एनोडीन
- जीवाणुरोधी
- रोगाणुरोधी
- एंटी वाइरल
- सूजनरोधी
- विरोधी मोटापा
- कासरोधक
- एंटीअल्सरोजेनिक
- शांतिदायक
- हेमटोजेनिक (लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है)
- हृदय टॉनिक
Therapeutic Indications of Heerak Bhasma
हीरा (वज्र) भस्म का मुख्य संकेत प्रतिरक्षा को बढ़ाना, अन्य दवाओं की क्रिया में सुधार करना, विष अवरोधों को समाप्त करना है। यह विभिन्न रोगों में स्वर्ण भस्म और अन्य आयुर्वेदिक दवाओं के संयोजन में प्रयोग किया जाता है। हीरा (वज्र) भस्म के व्यक्तिगत संकेतों में शामिल हैं
- एंजाइना पेक्टोरिस
- ह्रदय मे रुकावट
- दिल की धमनी का रोग
- atherosclerosis
- मानसिक दुर्बलता
- शारीरिक दुर्बलता
- नपुंसकता और बांझपन
- यक्ष्मा
- कैंसर और मेटास्टेसिस
- मोटापा
- सिर का चक्कर
- नासूर
- जल्दी पेशाब आना
- मधुमेह
- रक्ताल्पता
- पेट के रोग
- तंत्रिका संबंधी रोग
- रूमेटाइड गठिया
- अस्थि मज्जा अवसाद
Benefits & Medicinal Uses of Heerak Bhasma
हीरा (वज्र) भस्म जीवन शक्ति, सहनशक्ति और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। हीरा (वज्र) भस्म सभी पुराने और जिद्दी रोगों में फायदेमंद है। यह तीनों दोषों को संतुलित करता है और चयापचय को सही करता है। यह प्रतिरक्षा, दीर्घायु, शरीर की शक्ति और सामान्य स्वास्थ्य में सुधार करता है। हीरा (वज्र) भस्म को पुराने रोगों के उपचार में जोड़ने से वसूली प्रक्रिया में तेजी आती है और उपचार के लिए दी जाने वाली अन्य दवाओं की क्रिया में सुधार होता है। इसलिए, यह सभी तीव्र और पुरानी बीमारियों वाले रोगियों को मुख्य दवाओं की क्रिया में सुधार करने और वसूली प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए दिया जा सकता है।
Effects on Mind
हीरा (वज्र) भस्म का प्रभाव 4 से 8 सप्ताह तक इसके लगातार प्रयोग से मन पर प्रकट होता है। यह सतर्कता, स्मृति, ध्यान अवधि और बुद्धि में सुधार करता है। कई पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सक बच्चों की मानसिक क्षमताओं में सुधार के लिए निम्नलिखित संयोजन में इसका उपयोग करते हैं।
- हीरा (वज्र) भस्म-1 मिलीग्राम
- स्वर्ण भस्म-5 मिलीग्राम
- माणिक्य पिष्टी-10 मिलीग्राम
- रौप्य भस्म-10 मिलीग्राम
- मुक्ता पिष्टी-100 मिलीग्राम
- ब्राह्मी पाउडर-100 मिलीग्राम
- यष्टिमधु (मुलेठी)-लीकोरिस पाउडर-100 मिलीग्राम
Angina Pectoris
आयुर्वेद में, हीरा (वज्र) भस्म एनजाइना पेक्टोरिस के लिए पसंद की दवा है। यह एनजाइना पेक्टोरिस के तीव्र चरण में भी काम करता है। हीरक भस्म हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में सुधार करती है और छाती में निचोड़ने, भारीपन, दबाव और जकड़न की अनुभूति को कम करती है। यह सीने के दर्द को भी कम करता है। एनजाइना दर्द में निम्न संयोजन लाभकारी होता है।
- हीरा (वज्र) भस्म-4mg
- पुष्करमूल-250mg
- श्रृंग भस्म-125mg
- शहद-1 चम्मच
Cancer & Metastasis
अन्य आयुर्वेदिक दवाओं के संयोजन में, हीरा (वज्र) भस्म कैंसर में फायदेमंद है और मेटास्टेसिस को रोकता है। आमतौर पर निम्नलिखित आयुर्वेदिक संयोजन कैंसर के लिए सहायक होते हैं।
Dosage & Administration of Heerak Bhasma
हीरा (वज्र) भस्म की न्यूनतम प्रभावी खुराक 1.25 मिलीग्राम है और अधिकतम खुराक दिन में दो बार 10 मिलीग्राम हो सकती है।
- शिशु-0.5 से 1.25 मिलीग्राम
- बच्चे-1 से 2.5 मिलीग्राम
- वयस्क-2.5 से 6.25 मिलीग्राम
- वयस्क (गंभीर मामलों में) -6.25 से 8 मिलीग्राम
- गर्भावस्था-1 से 2.5 मिलीग्राम
- जराचिकित्सा (वृद्धावस्था) -2.5 से 6.25 मिलीग्राम
- अधिकतम संभव खुराक (प्रति दिन या 24 घंटे में) -16 मिलीग्राम (विभाजित खुराक में)
Precautions of Heerak Bhasma
हीरा (वज्र) भस्म संभवतः सुरक्षित है। हीरा (वज्र) भस्म के नियमित उपयोग से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा जाता है।
कैंसर रोगियों को हीरा (वज्र) भस्म, स्वर्ण भस्म आदि के साथ पूर्ण खुराक उपचार चिकित्सा प्राप्त होती है, जो 12 महीने या उससे अधिक समय तक भी जारी रहती है। कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।
यह दवा केवल सख्त चिकित्सकीय देखरेख में ही ली जानी चाहिए।
इस दवा के साथ स्व-दवा खतरनाक साबित हो सकती है।
अधिक खुराक गंभीर दुष्प्रभाव और गैस्ट्र्रिटिस का कारण बन सकता है।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस दवा को सटीक मात्रा में और सीमित समय के लिए ही लें।
बच्चों की पहुंच और दृष्टि से दूर रखें।
सूखी ठंडी जगह पर स्टोर करें।
Terms and Conditions
हमने यह मान लिया है कि आपने इस दवा को खरीदने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श किया है और आप स्वयं दवा नहीं ले रहे हैं।
Attributes | |
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Brand | Dhootapapeshwar |
Remedy Type | Ayurvedic |
Country of Origin | India |
Price | ₹ 816 |
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