Dhootapapeshwar Shirahshooladri Vajra Ras (60tab) : Indicated in Headache Due To Tension, Vascular And Positional Headache.
About Dhootapapeshwar Shirashuladivajra Ras
शिरशुलदिवाजरा रस एक जड़ी-बूटी युक्त आयुर्वेदिक औषधि है। यह शिरोरोग (सिर का रोग) के उपचार में उपयोगी है। इसका संदर्भ भैषज्य रत्नावली, शिरोरोगधिकारा से मिलता है। इसमें शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, लौहा भस्म, शुद्ध गुग्गुलु, त्रिफला चूर्ण, मुलेठी, पिप्पली, सोंठ, गोखरू, दशमूल क्वाथ और कई अन्य औषधीय जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। शिराशूलदिवाजरा रस पुराने सिरदर्द, माइग्रेन, तनाव सिरदर्द और अन्य प्रकार के सिरदर्द में राहत देता है। सरदर्द।
Ingredients of Dhootapapeshwar Shirashuladivajra Ras
- शुद्ध पारा – शुद्ध और संसाधित बुध
- शुद्ध गंधक – शुद्ध और संसाधित सल्फर
- लोहा भस्म – लोहे की भस्म (कैल्क्स)
- ताम्र भस्म – तांबे की भस्म (कैल्क्स)
- गुग्गुलु – भारतीय बेदेलियम (राल) – कोमिफोरा मुकुली
- त्रिफला – टर्मिनलिया चेबुला (हरिताकी), टर्मिनालिया बेलिरिका (विभीतकी) और फाइलेन्थस एम्ब्लिका (आंवला)
- कुश्ता – सौसुरिया लप्पा
- यष्टिमधु – लीकोरिस – ग्लाइसीराइज़ा ग्लोब्रा
- काना – लंबी मिर्च (फल) – मुरलीवाला लोंगम
- शुंटी – अदरक (प्रकंद) – जिंजीबर ऑफिसिनैलिस
- गोक्षुरा – छोटे बछड़े (पूरे पौधे) – ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस
- विदंगा – झूठी काली मिर्च (फल) – एम्बेलिया राइबेस
- बिल्वा – बेल (जड़) – एगल मार्मेलोस
- अग्निमंथा – प्रेमना कोरिंबोसा / म्यूक्रोनाटा रूट
- श्योनका – ओरोक्सिलम संकेत
- गंभरी – कोम्ब टीक (जड़) – गमेलिना अर्बोरिया
- पाताल – तुरही (जड़) – स्टेरोस्पर्मम सुवेओलेंस
- शालापर्णी – जड़ – डेस्मोडियम गैंगेटिकम
- पृष्निपर्णी – जड़ – उररिया चित्र
- बृहती – भारतीय नाइटशेड (जड़) – सोलनम संकेत
- कंटाकारी – पीली बेरी वाली रात की छाया (पूरा पौधा) – सोलनम xanthocarpum
- गोक्षुरा – छोटे बछड़े (पूरे पौधे) – ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस
- दशमूल का काढ़ा
- घृत – गाय का घी
Benefits of Dhootapapeshwar Shirashuladivajra Ras
- यह विभिन्न कारणों से सिरदर्द में संकेत दिया गया है।
- इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं
- यह दर्द, सूजन और मांसपेशियों की ऐंठन में राहत देता है।
- इससे साइनसाइटिस में आराम मिलता है।
- यह शरीर और मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।
Indications of Dhootapapeshwar Shirashuladivajra Ras
- धूप के कारण सिरदर्द
- साइनसाइटिस के कारण सिरदर्द
- अत्यधिक काम, नींद की कमी, तनाव आदि के कारण सिरदर्द।
- आधासीसी, सिर में एक तरफ दर्द/आधाशीष
- वात/पित्त/कफ की अधिकता के कारण सिरदर्द
Dosage of Dhootapapeshwar Shirashuladivajra Ras
एक से दो गोलियां, दिन में एक या दो बार, भोजन से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार। इसे बकरी के दूध, शहद या पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
Precautions of Dhootapapeshwar Shirashuladivajra Ras
- इस दवा के साथ स्व-दवा खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें भारी धातु सामग्री होती है।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस दवा को सटीक मात्रा में और सीमित समय के लिए ही लें।
- अधिक खुराक से गंभीर जहरीला प्रभाव हो सकता है।
- गर्भावस्था, स्तनपान और बच्चों में इससे बचना सबसे अच्छा है।
- बच्चों की पहुंच और दृष्टि से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर करें।
Terms and Conditions
हमने यह मान लिया है कि आपने इस दवा को खरीदने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श किया है और आप स्वयं दवा नहीं ले रहे हैं।
Attributes | |
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Brand | Dhootapapeshwar |
Remedy Type | Ayurvedic |
Country of Origin | India |
Form Factor | Ras |
Price | ₹ 202 |
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