चिकनगुनिया का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Chikungunya ]

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चिकनगुनिया का वायरस “एडीज एजिप्टी” नामक मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है। संक्रमण के पहले सप्ताह के दौरान चिकनगुनिया वायरस रक्त में पाया जाता है। एक संक्रमित मच्छर से अन्य लोगों में वायरस फैल सकता है। चिकनगुनिया का एक प्रमुख लक्षण तेज ज्वर है। ज्वर आमतौर पर 102 से 104 फॉरनहाइट तक चढ़ता है। वायरस का प्रकोप 3 से 7 दिनों के दौरान जोड़ों में गंभीर दर्द का कारण बनता है। प्रायः यह दर्द सबसे अधिक हाथों और पैरों को प्रभावित करता है। जोड़ों का दर्द सप्ताह भर चल सकता है, लेकिन कुछ लोगों के मामलों में 1 वर्ष या इससे अधिक के लिए भी यह दर्द बना रह सकता है।

इसमें दाने निकलते हैं, जो आमतौर पर ज्वर के आरंभ के पश्चात दिखते हैं। ऐसे दाने पीड़ित व्यक्ति के धड़ और हाथ-पैरों को प्रभावित करते हैं। हथेलियों, तलवों और चेहरे पर भी दाने दिखाई पड़ सकते हैं। इस रोग में सिरदर्द के अलावा मांसपेशियों में भी दर्द हो सकता है। जी मिचलाना और वमन की शिकायत भी हो सकती है। हाई ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज या हृदय के रोग से ग्रस्त लोगों को इस रोग से विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू के समान ही होते हैं। चिकनगुनिया के रोगियों में डेंगू की तरह तेज ज्वर, जोड़ों में तेज दर्द, मांसपेशियों में पीड़ा, सिरदर्द और जोड़ों में सूजन आदि समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं; रोगी के शरीर पर लाल-लाल निशान पड़ सकते हैं, किंतु चिकनगुनिया में रक्तस्राव का जोखिम नहीं होता, जैसा डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या घटने के कारण उत्पन्न हो जाता है। चिकनगुनिया के रोगी पानी अधिक मात्रा में सेवन करें और शरीर में तरल पदार्थों की कमी न होने दें। वायरल ठीक होने के बाद डाइट बढ़ाएं। अधिक मात्रा में लिक्विड पेय पीएं और समय रहते अपने चिकित्सक से सलाह लें।

रोग की पहली अवस्था में– — जेलसिमियम 8, 3x या बैप्ट्रीशिया 3x का सेवन करना चाहिए। इसके बाद युपेट-पर्फ 1x का प्रयोग करें। हड्डियों और जोड़ों के दर्द में-सिमिसिफ्यूगा 3x या आर्स 3x लाभकारी है। शरीर में कमजोरी मालूम होने पर-एसिड फॉस 3 यो कार्बोवेज 30 देनी चाहिए। शरीर पर दाने निकलने पर-रस-टॉक्स 30 या सल्फर 3x देने से लाभ होता है।

इयुपेटोरियम 30, 200 — यह चिकनगुनिया में उपयोगी औषधि है।

एकोनाइट 1x — चिकनगुनिया की पहली अवस्था में तीव्र ज्वर (102 से 104) होने पर दें।

बेलाडोना 3, 6 — शरीर पर दाने निकल आने में लाभप्रद है।

ब्रायोनिया 6 — जोड़ों और शरीर में दर्द, ज्वर, बहुत पसीना।

युपेट-पर्फ 1x — हड्डियों में बहुत दर्द रहने पर।

लैकेसिस 6 या क्रोटेलस 3 — बहुत तेज दर्द, ज्वर, आंखों में जलन। दोनों में कोई एक दें।

रस-टॉक्स 3, 30 — ज्वर के कारण शरीर बहुत गरम, शरीर पर दानों का निकलना, दर्द।।

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