गर्भावस्था में डर या आतंक का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Fear or Fright ]
कभी-कभी गर्भवती स्त्री एक अनजाने भय से ग्रस्त हो जाती है। वह अकारण ही आतंकित हो जाती है, आशंकाएं उसे घेरे रहती हैं। भय और आतंक से जलन, चुभन और काटने वाला दर्द हो जाता है। भय का कारण उसकी मानसिक उत्तेजना भी हो सकती है।
फास्फोरस 200 — गर्भिणी को अंधेरे से डर लगता है। अकेली रहने से वह डरती है; बिजली कड़कने से आतंकित हो जाती है। कहीं कोई दुर्घटना न घट जाए, यह सोच वह भयभीत हो जाती है।
एकोनाइट 30 — गर्भवती स्त्री अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहती है। प्रसव में उसे कष्ट होगा, उसका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा, मृत्यु भी आ सकती है। यह सोच स्त्री में भय, आतंक तथा इनसे संबंध रखने वाले रोग उत्पन्न हो जाते हैं। वह रोगिणी हो जाती है। यह औषधि देने से उसका चिंतन ही बदल जाता है। उसे भय, और आतंक से मुक्ति मिल जाती है।
ओपियम 200 — भय से उत्पन्न होने वाली शिकायतों में यह औषधि भी उपयोगी है।
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