हृदय रोग निवारक होम्योपैथिक औषधियां [ Homeopathic Medicine For Heart Disease ]

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यहां कुछ विशिष्ट हृदय-रोग की औषधियों का उल्लेख किया जा रहा है, इसमें रोग-लक्षणों का मिलान करके औषधि का सही समय पर चुनाव किया जा सकता है।

स्पंजिया 2x, 3 — रोगी धड़कन और श्वास-कष्ट से लेट नहीं सकता; लेटता है, तो चित्त लेटता है। मध्य रात्रि के बाद एकदम हृदय में दर्द तथा श्वास घुटने से नींद से उठ बैठता है। चेहरा लाल हो जाता है; वह भयभीत हो जाता है।

ऑरम मेट 30, 200 — इसका विचित्र-लक्षण यह है कि चलते हुए रोगी को ऐसा लगता है कि हृदय डोल रहा है, हिल रहा है, मानों वह खुला पड़ा है। इस औषधि के मानसिक लक्षण विशेष रूप से मुख्य हैं। रोगी के हृदय में भयानक कंपन होता है। वह जीवन से निराश होता है; बहुत निराशा, उदासी, जीवन के प्रति घृणा, आत्महत्या करने की वृत्ति, इतना कष्ट महसूस करता है कि अपने हो ही समाप्त कर देना चाहता है। किसी वस्तु में उसे रुचि नहीं रहती। शरीर के वात-व्याधि का दर्द एक जोड़ से दूसरे जोड़ पर आता-जाता रहता है, अंत में यह दर्द अपनी एक जगह बना लेता है।

फास्फोरस 30, 200 — बाईं ओर लेटने से हृदय में उग्र धड़कन होती है। मानसिक-उद्वेग से हृदय के अग्रभाग में पीड़ा होती है, छाती में भारीपन महसूस होता है मानो वहां बोझ पड़ा हो। स्कंध-अस्थियों के बीच जलन के साथ दर्द होता है। रोगी अकेला रहने से घबराता है; बिजली कड़कने तथा अंधेरे से भी घबरा उठता है।

आइबेरिस 1 (मूल-अर्क) — हृदय पर इसकी विशेष क्रिया है। हृदय का चलना रोगी को अनुभव होता है। बाईं ओर घूमने पर सुई चुभने की-सी व्यथा होती है। यदि हृदय की गति बुरी तरह से तेज हो जाए, तो इससे उत्तम कोई औषधि नहीं है।

डिजिटेलिस 3, 30 — रोगी को अकस्मात ऐसा अनुभव होता है कि हृदय ने गति करना बंद कर दिया है, ठहर गया है; बड़ी घबराहट होती है। हृदय में शक्ति नहीं रहती। ऐसा लगता है कि यदि रोगी हिला तो हृदय गति करना बंद कर देगा; ऐसी अवस्था में यह औषध देना लाभकारी है।

जेलसिमियम 1, 3 — इसका रोगी ऐसा अनुभव करता है कि उसे चलते-फिरते और हिलते-डुलते रहना चाहिए, नहीं तो हृदय की धड़कना बंद हो जाएगा। वृद्ध लोगों की धीमी, कमजेार नाड़ी में उपयोगी है।

सीपिया 200 — हृदय का तीव्र रूप से धड़कना मानो वह छाती फाड़कर बाहर निकल पड़ेगा। लम्बा घूमने-फिरने से रोगी को इस कष्ट में राहत मिलती है, तेज चले तो लगता है कि अब ठीक है। रात को बिस्तर में लेटते ही हृदय एकदम बड़ी तेजी से धड़कने लगता है, हृदय में सुई बंधन का-सा दर्द होता है। इस औषधि की प्रकृति है उदासीनता, किसी चीज में दिलचस्पी नहीं, अकेले बैठे रहना पसंद होता है। कोई पूछताछ करने लगे, तो उसे अच्छा नहीं लगता।

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