कृमिरोग का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Helminthiasis, Worm Infection ]

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मनुष्य की आंतों के भीतर साधारणतः तीन प्रकार के कृमि देखने में आते हैं-(1) राउंड वर्ल्स (केंचुए जैसे लंबे और गोल कृमि), (2) ग्रेड वर्क्स (सूत जैसे कृमि), (3) टेप वर्क्स (फीते की तरह कृमि)। इन कृमियों के कारण गुदा-द्वार में बेदह खुजली होती है और मल-त्याग के समय बहुत पीड़ा होती है। गुदा-द्वार में निरंतर खुजली रहने की वजह से निद्रा में विघ्न पड़ता है, दांत किटकिटाने लगते हैं और श्वास-प्रश्वास में दुर्गन्ध आने लगती है। जो व्यक्ति मांस, मछली और मीठे का अधिक सेवन करते हैं, स्वास्थ्य के नियमों का पालन नहीं करते, उनकी आंतों में कृमि पलने लगते हैं, जो बहुत दुखदायी सिद्ध होते हैं।

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