लार का मुख से अधिक आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hypersalivation, Ptyalism ]

2,870

प्रायः पेट की खराबी से मुंह आता है, मुंह में घाव या छाले हो जाते हैं और मुंह से बेतरह लार बहने लगती है। यह लार कभी-कभी घातक सिद्ध होती है और तेजाब की तरह काम करती है, त्वचा पर जहां लग जाती है, वहां की त्वचा उधड़ जाती है।

बेराइटा कार्ब 6, 30 — बच्चे या बड़े व्यक्ति की सोते हुए मुख से लार बहने लगे और तकिया उस लार से भीग जाए, तब यह औषधि दें।

मर्क सोल 30 — गर्भावस्था में मुंह से लार आए अथवा किसी के साधारण रूप से लार आए; मुंह आने तथा मसूड़ों के दुखने पर मुंह से लार आए, तब यह औषधि उपयोगी है। गर्भावस्था में लार आने पर यदि इससे लाभ न हो, तो क्रियोसोट देनी चाहिए। यह औषधि निश्चित ही लाभ करती है, रोगी को आराम हो जाता है।

एमोनियम कार्ब 30, 200 — मुंह से बेहद बदबू आती है, इतनी ज्यादा बदबू कि रोगी को स्वयं अपने मुंह से आती बदबू स्वयं अनुभव होती है और उसे घृणा होने लगती है। मुंह में लार भर जाती है, रोगी बार-बार थूकता है। इस औषधि से लार बहना बंद हो जाती है।

आइरिस वार 3, 200 — सूतदार लार आना, लार बहने के साथ नर्वस होना, सिरदर्द होना, मुंह से अत्यधिक लार बहना, लार की चाशनी के तार की तरह निकलना; बोलने या बातचीत करते समय लार टपकती है। लार-स्रावक-ग्रंथियों पर इस औषधि का विशेष प्रभाव पड़ता है।

आयोडम 3x — यदि पारे आदि की औषधियों के सेवन के बाद से ही मुंह में लार भर आती हो, तो यह दें।।

नाइट्रिक एसिड 3, 6 — यदि आयोडम देने से लाभ न हो और “लार बहने का रोग” पारे की औषधियों के सेवन से हुआ हो, तो यह औषधि लाभदायक होती है।

Comments are closed.