पीली फुसियां का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Impetigo, School Sores ]
अर्द्ध-चंद्र के समान कुछ पीली, पीब भरी हुंसियां पहले अलग-अलग निकलती हैं और पीछे जुड़ जाती हैं। यह नाक, कान, मस्तक, चेहरा या दूसरे अन्य अंगों में निकलती हैं। गाढ़ा, पीला, बदबूदार पीब निकलना और पपड़ी जम जाना, फंसी वाले स्थान के नीचे की त्वचा का कोमल और लाल पड़ जाना आदि इस रोग के प्रधान लक्षण हैं।
नए रोग में-सायोला-ट्राई 3 का सेवन और परिश्रत जल से धोना उपयोगी है। पुराने रोग में-एण्टिम टार्ट 3 का सेवन और काड-लिवर ऑयल तथा पुष्ट करने वाला आहार लाभ करता है। साइक्यूटी 3 यदि फुसियों में अत्यधिक जलन हो, तब दें। क्रोटोन टिग 6 डंक मारने की तरह की खुजली में लाभकारी है। कैल्केरिया म्यूर l यदि मस्तक पर पपड़ीदार फुसियां हों, तो सेवन कराएं। अन्य औषधियों में-आर्स 30, एण्टिम कूड 30, कैलिबाई 30, मेजेरियम 30 आदि औषधियों का सेवन और कार्बोलिक एसिड का मरहम लगाना अधिक लाभकारी है।
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