रीढ़ के भाग में सूजन आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Inflammation of Spinal Cord, Myelitis ]

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ब्रायोनिया 30 — रीढ़ में सुई चुभने का-सा, काटता-सा दर्द हो, जो हिलने-डुलने से बढ़े, रीढ़ की पेशियां सुन्न पड़ जाती हैं, अकड़-सी जाती हैं। हरकत से दर्द का बढ़ना इस औषधि की प्रकृति है। इसके प्रयोग से अवश्य ही लाभ होता है। दिन में 3-4 मात्रा अवश्य ही दें।

बेलाडोना 30 — जब रीढ़ के ऊपर वाले हिस्से में कष्ट और पीड़ा हो। रीढ़ में तीखा, चुभता, काटता-सा दर्द हो, मांस-पेशियों में फड़कन हो, करंट सा लगता हो, तब उपयोगी है।

आर्निका 3, 30 — रीढ़ पर चोट आदि लगने से उसमें सूजन या दर्द हो, जरा-सा हिलने पर दर्द की अधिकता हो, स्पर्श नहीं किया जाता, रोगी खड़ा भी नहीं सकता, तब लाभप्रद है।

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