पसलियों या डायाफ्राम के बीच मांसपेशियों में दर्द का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Pain in Muscles Between Ribs Or Diaphragm (Pleurodynia) ]

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इसमें हाथ, छाती और पंजर (पसलियों) की पेशियां आक्रांत होती हैं। पंजरे की पेशियों के दर्द के कारण रोगी को करवट और श्वास-प्रश्वास लेने, छींकने और खांसने में तकलीफ होती है। इस रोग के साथ कभी-कभी प्लुरिसी के दर्द का भ्रम हो जाता है। इसलिए सावधानी से रोग का निर्वाचन करना चाहिए।

एकोनाइट 6 — ज्वर, बेचैनी और तीव्र दर्द में इसे प्रति 4 घंटे दें।

सल्फर 30 — एकोनाइट के बाद दर्द रात्रि में एवं गर्मी से बढ़ जाए, तब इसे प्रति 4 घंटे देने से लाभ होता है।

रस-टॉक्स 6, 30 — बहुत बेचैनी, रोग वाला अंश हिलाने-डुलाने से दर्द का घटना; इसमें यह औषधि बहुत लाभकारी सिद्ध होती है। इसे प्रत्येक 4 घंटे बाद सेवन कराएं। रोगी की अवस्थाअनुसार औषधि-शक्ति का निर्धारण करें।

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