संवेदन का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Sensations ]

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विभिन्न प्रकार की अनुभूतियों (संवेदना) में लक्षण के अनुसार औषधि देने से रोगी को आशातीत लाभ होता है।

क्रौकस 30 — छाती अथवा पेट में किसी जीवित वस्तु के हिलने-डुलने जैसी अनुभूति हो तथा स्त्री को काल्पनिक-गर्भ अथवा गर्भावस्था में भ्रूण के हिलने-डुलने की अनुभूति हो, तब यह औषधि देनी चाहिए।

कैप्सिकम 6 — जलन की ऐसी अनुभूति होना मानों पिसी मिर्च बुरक दी गई हों।

इग्नेशिया 200 — शरीर के अंदर खालीपन-सा अनुभव होना।

ऐनाकार्डियम 6 — नेत्र, गुदा, मूत्राशय आदि में ऐसी अनुभूति होना मानो उनमें कोई डोट लगी हो अथवा अंगों में कोई पट्टी बंधी हो, इन लक्षणों में यह औषधि देनी चाहिए।

कार्बो ऐनीमैलिस 30 — शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों में ढीलापन व्याप्त रहता है। खोपड़ी मानो मस्तिष्क से खाली हो, इसमें यह औपधि लाभ करनी है।

डैफने इंडिका 6 — ऐसी अनुभूति का होना मानो कंधे से सिर अलग हो गया है, शरीर का एक हिस्सा शरीर के अन्य अंगों से जुदा है।

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