कंपकपाहट का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Shivering ]

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अपस्मार (मिर्गी) रोग में जिस प्रकार कंपकंपी आकर रोगी अचेत हो जाता है, इस रोग में भी उसी प्रकार रोगी को कंपकंपी आती है, अंतर केवल इतना है कि इसमें वह अचेत नहीं होता है यानी पूरी तरह होश में रहता है।

ऐगारिकस 3 — रोगी का हाथ-पैर कांपना, शरीर का नीला और ठंडा हो जाना।

मर्क सोल 30 — हाथ की उंगली से कंपकंपी आरंभ होने पर।

इग्नेशिया 3, 30 — मानसिक उद्वेग के कारण शरीर का कांपना।

ऐगारिक्स 8 — सिर में कंपकंपी आरंभ होकर हाथ की तलहथी तक फैल जाती है। विशेषकर वृद्ध लोगों को ऐसा होता है।

स्टैमोनियम 3x या एकोनाइट 3 — भय से कांपना; दोनों में से कोई भी एक औषधि दें।

इपिकाक 3x — नशीला पदार्थ सेवन करने के बाद कंपकंपी का होना।

जेलसिमियम 3 — हाथ की उंगली या सारे शरीर में कंपकंपी।

सिमिसिफ्यूगा 30 — कंपकंपी के कारण चल न सकना।

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