नींद ना आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Sleeplessness (Insomnia) ]

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चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार पर्याप्त और संतुलित आहार की तरह पूरी नींद लेना भी स्वस्थ व नीरोग रहने के लिए अनिवार्य है। निद्रा (नींद) शरीर का पोषण करती है। जब हम सोते हैं, तो शरीर अपनी व्यय की गई शक्ति पुनः प्राप्त करता है, इसलिए सोकर उठने पर मन प्रसन्न और शरीर में स्फूर्ति दिखाई देती है। यदि किसी कारण कोई स्त्री-पुरुष पर्याप्त निद्रा नहीं ले पाए, तो उसे उठने में बहुत खीज और परेशानी होगी। शरीर अकर्मण्य और शिथिल अनुभव होगा। एक रात पर्याप्त निद्रा न लेने से ऐसा होता है। यदि किसी स्त्री-पुरुष को किसी मानसिक या शारीरिक विकृति के कारण निद्रा आनी बंद हो जाए अर्थात किसी को अनिद्रा-रोग हो जाए, तो वह एकदम चिड़चिड़ा, विक्षिप्त या क्रोधी हो जाएगा, उसकी मानसिक स्थिति विकृत हो जाएगी, इसलिए सभी के लिए निद्रा लेना बहुत आवश्यक है।

एवेना सैटाइवा (पूल-अर्क) — प्रायः अशक्त करने वाले रोगों के बाद स्नायु-मंडल के कमजोर हो जाने से निद्रा नहीं आती है। इस औषधि का स्नायु-मंडल पर विशेष प्रभाव है। इसके मूल-अर्क की 5 से 10 बूंद गरम पानी में लेते रहने से स्नायु-मंडल में शक्ति आ जाती है और शक्ति आ जाने से निद्रा भी आ जाती है।

कैनेबिस इंडिका (मूल-अर्क) 3 — अनिद्रा-रोग में यह औषधि लेने से निद्रा आ जाती है।

स्कुटैलेरिया (मूल-अर्क) — यदि निद्रा न आने के कारण सिर में दर्द रहता हो, मस्तिष्क थका-थका-सा रहता हो, स्नायु-मंडल शिथिल हो गया हो, तब यह औषधि अच्छा काम करती है।

काफिया 200 — यदि प्रसन्नता आदि के कारण निद्रा न आए या कोई ऐसा समाचार मिले, जिससे मन उत्तेजित हो जाने के कारण निद्रा दूर हो अथवा किसी मानसिक उत्तेजना के कारण निद्रा दूर हो जाए, तब इस औषधि के सेवन से अच्छी निद्रा आ जाती है।

एकोनाइट 30 — व्यक्ति को निद्रा न आए और वह गर्मी महसूस करे, चैन से लेटा न रहे सके और करवटें बदलता रहे। यह औषधि स्नायु-मंडल को शांत कर सुखकर निद्रा ले आती है।

पैसीफ्लोरा (मूल-अर्क) — जो लोग मानसिक दृष्टि-से चिंताग्रस्त रहते हैं, मेहनत का काम करने से थक जाते हैं। यदि उन्हें निद्रा न आए, तो इसकी 8-10 बूंदें गरम पानी में लेने से निद्रा आ जाती है। कुछ दिनों तक नित्य लेते रहने से अनिद्रा-रोग का शमन हो जाता है।

कौक्युलस 30 — जो लोग माता के जागरण में जाते या गाते हैं अथवा जो स्त्री-पुरुष नाइट-ड्यूटी करते हैं, उन्हें आमतौर से अनिद्रा का रोग लग जाता है, उनके लिए यह उत्तम औषधि है।

टैबेकम 30 — हृदय का फैलाव, ठंडा शरीर, त्वचा चिपचिपी, घबराहट, जी मिचलाना और सिरदर्द या चक्कर; इन सबसे निद्रा दूर भागती है, तब यह औषधि सुखकर निद्रा ले आती है।

सिप्रिपीडियम (मूल-अर्क) — कभी-कभी हर्षदायक विचारों के कारण भी निद्रा नहीं आती है, तब यह औषधि लाभप्रद सिद्ध होती है।

कैल्केरिया कार्ब 30 — यदि व्यक्ति को नींद न आने की शिकायत हो, तो इस औषधि के प्रयोग से कुछ ही दिनों में अच्छी निद्रा आने लगती है। इसे दिन में 3 बार सेवन करें।

जेलसिमियम 30 — यदि उद्वेगात्मक-उत्तेजना के कारण निद्रा न आती हो, तो इस औषधि को कुछ दिन लेने से ही मन शांत हो जाता है और फिर अच्छी निद्रा आने। लगती है।

इग्नेशिया 200 — चिंता या दुख से नींद न आती हो, तो इसे लेने से नींद आ जाती है।

बेलाडोना 30 — मस्तिष्क में रक्त-संचय के कारण निद्रा न आना इस औषधि का मुख्य लक्षण है। इसमें व्यक्ति ऊंघ में तो रहता है, किंतु उसे गहरी निद्रा नहीं आती। इस औषधि के कुछ दिन सेवन से ही गहरी और भरपूर निद्रा आने लगती हैं।

नक्सवोमिका 30 — यह औषधि भी निद्रा-शमन में उपयोगी है।

फास्फोरस 30 — वृद्ध व्यक्तियों को निद्रा न आने में लाभकारी है।

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