मलत्याग करते समय गुदा में कूथन या मरोड़े उठने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Straining or Tenesmus in Rectum ]

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मर्क सोल 6 — मल-त्याग करते समय लगातार कुंथना, मरोड़ बने रहना, मल में आंव तथा रक्त के सिवा कुछ नहीं आता। इन लक्षणों में यह औषधि उपयोगी है।

सल्फर 30 — मल-त्यागने से पहले और मल-त्याग के बाद भी जोर लगाना पड़ता है। बहुत तेज ऐंठन होती है और गुदा-द्वार की तरफ बोझ-सा बना रहता है।

ऐलो 6 — गुदा में जलन, मल-त्याग की हाजत, गुदा-द्वार पर बस नहीं रहता, मरोड़ और कूथन परेशान करती है, मल अपने आप निकल आता है। इसमें उपयोगी है।

नक्सवोमिका 30 — मल और मूत्र की हाजत एक साथ होती है, मल आने पर भी पेट साफ नहीं होता। इस प्रकार के बूंथने में यह औषधि उपयोगी है।

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