नाखूना या अंगुलबेढ़ा का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Whitlow, Felon ]

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चोट लग जाने, जल जाने, रक्त में किसी विषैली वस्तु के प्रविष्ट हो जाने अथवा नाखून बहुत छोटे कटवाने से उंगली या अंगूठे के समीपवर्ती स्थान पक जाता है, तब जिस रोग की उत्पत्ति होती है, उसे ही “अंगुलबेढ़ा” कहते हैं। यदि रोग घातक हो जाए, तो मृत्यु तक संभावित हो जाती है।

साइलीशिया 3x — अंगुलबेढ़ा होने का लक्षण दिखाई देते ही इस औषधि को देना चाहिए। रोग की पहली अवस्था में या जब दर्द हड्डी तक फैल जाए, तब उपयोगी है।

बेलाडोना 6 — यदि ज्वर हो तो इसे साइलीशिया के साथ दें।

आर्सेनिक 6 — उंगली का अगला हिस्सा बहुत फूलकर कुछ काला हो जाए और जलन तथा दर्द रहे, तब उपयोगी है।

नाइट्रिक एसिड θ — रोग वाले स्थान पर लगा देने से दर्द कम हो जाता है।

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