मुंह की समस्याएं का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Mouth Diseases ]

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मुख के रोग अनेक हैं। कुछ रोगों के बारे में हम पीछे भी बता आए हैं, यहां पर भी बता रहे हैं, खुश्की के बारे में; मुंह का सूख जाना, सूखने के कारण जिह्वा का सुन्न-सा पड़ जाना आदि कितनी ही मुख-रोग की समस्याएं हैं, जिनका समाधान निम्न औषधियों से हो सकता है

मयुरियेलिस पेरेन्निस 3 — गला तथा मुंह इतना खुश्क हो जाता है कि यदि मुंह में चीनी या कोई मीठी गोली डाली जाए, तब भी खुश्की दूर नहीं होती। जिह्वा भारी महसूस होती है, सुन्न हो जाती है। श्वास भी इतना खुश्क निकलता है कि होंठों को सुखा देता है।

एसिड फॉस 1X — यदि बहुमूत्र का रोगी हो, तो उसका मुंह सूखने में यह औषधि अत्यंत उपयोगी है।

आर्सेनिक 30 — मुंह में अत्यधिक खुश्की के कारण थोड़ी-थोड़ी देर में, बार-बार पानी की प्यास लगती है, उसमें इससे लाभ होता है।

ब्रायोनिया 30 — मुंह में बेहद खुश्की, बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पीने से भी खुश्की को दूर न होना। इस लक्षण में यह औषधि दें।

नक्स मौस्केटा 3, 6 — मुंह और गला इतना खुश्क कि जिह्वा तालु से चिपक जाती है; गला अत्यंत खुश्क, वह सूखकर कड़ा-सा पड़ जाता है; प्यास बिल्कुल भी नहीं रहती; मुंह का सैलाइवा इतना खुश्क होता है कि रुई सरीखा लगता हैं।

लैकेसिस 6, 30 — रोगी का मुंह इतना खुश्क हो जाता है कि वह चाहकर भी अपनी जिह्वा मुख से बाहर नहीं निकाल पाता है।

हायोसाएमस 30 — अत्यन्त खुश्की के कारण जिल्ला चमड़े जैसी प्रतीत होती है, मुंह में खुड़कती-सी है; रोगी बहुत बेचैन रहता है।

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