तंबाकू का सेवन करने की आदत का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Tobacco Habit (Nicotism) ]

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बहुत से लोगों को तंबाकू सेवन की बुरी लत होती है, आदत होती है। वह तंबाकू पान में खाते हैं, खैनी प्रयोग करते हैं, गुटकों का सेवन करते हैं लथा हद से ज्यादा बीड़ी-सिगरेट पीते हैं। तंबाकू में निकोटिन होती है, जो शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक है।

स्पाइजेलिया 6, 30 — यदि तंबाकू अथवा सिगरेट के अधिक प्रयोग से हृदय-रोग की उत्पत्ति हुई हो, तो इस औषधि के सेवन से धूम्रपान और तंबाकू-सेवन की आदत मिट जाती है।

फास्फोरस 30 — यदि नेत्र-रोग तंबाकू के अधिक सेवन से हुआ हो और दिखाई देना कम हो गया हो, तो इस औषधि के नित्य प्रयोग से यह विकार दूर हो जाता है।

नक्सवोमिका 3x, कैम्फर 30 — यदि सिगरेट पीने की प्रबल इच्छा हो या तंबाकू-सेवन की इच्छा बहुत अधिक हो, तो इस औषधि के प्रयोग से तंबाकू और। सिगरेट की इच्छा मिट जाती है। कपूर की टिकियां चबा लेने से भी यह इच्छा नष्ट हो जाती है। दोनों में से कोई भी एक औषधि को प्रति 3 घंटे लेते रहना चाहिए।

कैल्केरिया फॉस 30 — सिगरेट अधिक पीने वाले लोगों को प्रायः खांसी और श्वास की शिकायत हो जाया करती है, कफ भी निकलता है। इसके प्रयोग से इसमें लाभ हो जाता है।

चायना 30 — यदि तंबाकू खाना या सिगरेट पीना छोड़ना चाहते हैं और छोड़ नहीं पा रहे हैं, तो इस औषधि की 2-3 मात्रा नित्य एक सप्ताह तक लें, लाभ होगा। और आदत छूट जाएगी, साथ ही यह निर्णय भी करें कि अब प्रयोग नहीं करेंगे।

स्ट्रोफैंथस 6x — श्वास और हृदय के रोग सिगरेट पीने वालों को ही अधिक होते हैं। इस औषधि के प्रयोग से यह आदत दूर हो जाती है।

आर्सेनिक 30 — रोगी को पानी की अधिक प्यास रहती है, फिर भी वे अधिक पानी नहीं पी पाते हैं। बेचैनी रहती है, जी मिचलाता है, वमन हो जाता है, सिर में भारीपन बना रहता है और यह सब निकोटिन के शरीर में जाने से होता है। इस औषधि के नित्य प्रयोग से सिगरेट-तंबाकू पर विजय पाई जा सकती है।

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