तीव्र और धीमी नाड़ी का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Tachycardia & Bradycardia…
युवावस्था में नाड़ी का स्पंदन प्रायः 80-85 बार होता है, पर कभी-कभी किसी की नाड़ी का स्पंदन 100 से 140 अथवा 150 से 200 बार तक भी होता है। इसका कारण हृदय की गति तेज होना ही है, इसको अंग्रेजी में "टैकिकार्डिया" कहते हैं। यह देखने में आता है कि…
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