WYETHIA HELENOIDES Benefits, Uses and Side Effects In Hindi

1,857

वाईथिया (Wyethia)

(पॉयजल-वीड)

गले पर विशिष्ट प्रभाव रखती है, गलकोष-प्रदाह में खासकर चक्षु, गल-गह्वरपूर्ण प्रकार के गलकोष प्रदाह में उत्तम लाभकारी सिद्ध हुई है । गाने वालों और भाषण देने वालों के गले में उत्तेजना । खूनी बवासीर में भी लाभकारी है । फ्लू के लक्षण, नाक से पिछले भाग में खुजली ।

सिर — उत्तेजित, अशान्त, उदास । चक्कर सिर में खून दौड़ना । माथे में तीव्र दर्द ।

मुँह — झुलसा जान पड़े, भोजन नली के नीचे तक गरम संवेदन । तालु में खुजली ।

गला — लगातार साफ करना और खखारना । पिछला भाग सूखा, खखारने से कम न हो । गला फूला हुआ मालूम हो, उपजिह्वा सूखी और जलन वाली । निगलना कठिन । बराबर थूक निकला करें । काग बढ़ा जान पड़े ।

आमाशय — बोझ जैसा जान पड़े । डकार और हिचकी बारी-बारी, मिचली, कै ।

उदर — दाहिनी तरफ की पसलियों के भाग में दर्द ।

मल — ढीला, गहरे रंग का, रात में । गुह्य-द्वार की खुजली । कब्ज, साथ में बवासीर, खून न निकले ।

साँस-यन्त्र — सूखी, कष्टकर खाँसी, कण्ठ से गुदगुदी के साथ । वायुनलिकाओं में जलन का संवेदन । बात करने या गाने से गला बैठने की प्रवृत्ति, गला सूखा, गरम, सूखा दमा ।

स्त्री — बाँए डिम्बाशय में दर्द, घुटने तक । गर्भाशय में दर्द, ऊपर ही से उसका चिह्न जान पड़े ।

अंग — पीठ में दर्द, मेरुदण्ड के किनारे तक बढ़े । दाहिनी बाँह में दर्द । कलाई और हाथ का कड़ापन । सारे शरीर में पीड़ा ।

ज्वर — 11 बजे दिन में शीत । शीत के समय बरफ का पानी पीने की इच्छा । गरम अवस्था में प्यास न हो । सारी रात अधिक पसीना । पसीना आने के समय घोर सिर दर्द ।

सम्बन्ध — तुलना कीजिए : आरम., सैग्वि., लैके. ।

मात्रा — 1 से 6 शक्ति ।

Comments are closed.