ZINCUM VALERIANICUM Homeopathy Uses and Side Effects In Hindi

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जिंकम वैलेरियेनम (Zincum Valerianum)

(वैलेरिनेट ऑफ जिक)

स्नायुशूल;गुल्म वायु, हृदय शूल और अन्य पीड़ाजनक बाधाओं को और खासकर डिम्बाशय रोगों की औषधि । बिना आरम्भिक चिह्न के मिरगी । गुल्मवायुमय हृदय पीड़ा । चेहरे का स्नायुशूल, बाँयीं कनपटी में और निचले जबड़े की हड्डी में अधिक तीव्र । बच्चों में अनिद्रा । कठोर हिचकी ।

सिर — प्रचण्ड स्नायुशूल, सविराम सिर दर्द । दर्द से प्रायः पागल-सा हो जाए, जो कोंचने और भौंकने वाला हो । शोकग्रस्तता के साथ, सिर के दर्द से न रोके जाने वाली अनिद्रा ।

स्त्री — डिम्बाशय शूल, दर्द अंगों के नीचे, पैर तक दौड़े ।

अंग — गरदन और मेरुदण्ड में तीव्र पीड़ा । शान्त न बैठ सके, सदा टाँगें हिलाता रहे । गृध्रसी ।

मात्रा — 1 या 2 विचूर्ण स्नायुशूल की चिकित्सा में कुछ समय तक व्यवहार करना चाहिए ।

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