Sasakasana, Shashankasana Method and Benefits In Hindi

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शशकासन/शशांकासन

शाब्दिक अर्थ: शश का अर्थ खरगोश और चाँद के बीच में दिखने वाला धब्बा भी है। इस आसन की आकृति बैठे हुए खरगोश जैसी प्रतीत होने के कारण इसे शशकासन नाम से जाना जाता है एवं शश + अंक = शशांक अर्थात चंद्रमा भी होता है।

विधि

वज्रासन में बैठ जाएँ। श्वास लेते हुए दोनों हाथों को कान के बगल से सटाते हुए सिर के ऊपर उठाएँ। अब श्वास छोड़ते हुए सिर व दोनों हाथों को एक साथ सामने की तरफ़ ज़मीन से स्पर्श कराएँ। बाह्य कुंभक करें। फिर श्वास लेते हुए हाथ व सिर को एक साथ ऊपर उठाएँ। श्वास छोड़ते हुए मूल अवस्था में आ जाएँ। श्वास के प्रति सजग रहें।
समय: यह क्रिया 10 से 12 बार करें।
श्वासक्रम: विधि में समाहित है।

लाभ

  • यह आसन उदर संबंधी रोगों से छुटकारा दिलाता है।
  • मेरुदण्ड के विकार दूर होते हैं।
  • महिलाओं के वस्ति-प्रदेश को लाभ पहुँचाता है।
  • रक्त-संचार प्रणाली को सुचारु करता है।
  • मानसिक विकार दूर होते हैं।
  • वायु विकार का शमन करता है।
  • प्रजनन अंग के विकारों को दूर करता है।

सावधानी: अति उच्च रक्तचाप वाले इस आसन को न करें।

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