Padadhirasana Method and Benefits In Hindi

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पादादिरासन

वज्रासन की ही स्थिति में बैठे। दोनों हाथों को वक्षःस्थल के सामने से कैंचीनुमा बनाते हुए दाई हथेली को बाएँ बगल (काँख) में और बाईं हथेली को दाएँ बगल (काँख) में इस प्रकार रख लें कि अँगुलियाँ अंदर की तरफ़ व अँगूठा बाहर ऊपर की तरफ़ उठा हुआ रहेगा। अब अँगूठा और तर्जनी अँगुलि से बीच वाले भाग को कसकर दबाएँ। नेत्रों को बंद कर श्वासप्रश्वास की तरफ़ ध्यान लगायें।

लाभ

यह अभ्यास श्वास-प्रश्वास करने में आए हुए अवरोध को दूर करता है।
विशेष: प्राणायाम के अभ्यास में सरलता के लिए इसका अभ्यास किया जा सकता है। यदि दाहिनी तरफ़ की नासिका बंद है तो उस तरफ़ वाले हाथ से विपरीत वाला बगल दबाएँ थोड़ी ही देर में श्वास का प्रवाह विनियमित हो जाता है एवं दोनों तरफ़ के स्वर बंद है तो दोनों तरफ़ की बगल को दबाकर रखें।

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