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Urethra Diseases
हडि्डयों में सूजन आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Osteitis (Inflammation of…
हड्डियों की सूजन, हड्डियों का सड़ना अथवा हड्डी टूट गई हो, तो निम्न औषधियों का प्रयोग करना चाहिए —
रूटा 6 — जब कभी अस्थियों पर चोट आदि लगने से सूजन हो जाए, रगड़ लगने जैसा दर्द हो, बोझ या दबाव पड़ने से दुखन होती हो, तब यह औषधि दी जानी चाहिए।…
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हडि्डयों पर गांठे का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Nodes ]
जीर्ण गठिया में शरीर में हाथ-पैर और घुटने आदि की गांठों में यूरिक एसिड बैठ जाता है, तब जोड़ों में गांठें पड़ जाती हैं; यह अस्थि-ग्रंथियों कहलाती हैं। इससे शरीर के अंग बहुत भारी हो जाते हैं।
कैल्केरिया फ्लोर 6x, 30 — अस्थि-ग्रंथियों में यह…
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हडि्डयों का नासूर का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Fistula of Bone ]
प्रायः अस्थि-क्षय की अवस्था में नासूर हो जाता है। घाव से सहज में रक्त गिरना, अग्नि में जलने की तरह जलन, बहुत दर्द; कभी-कभी घाव के चारों ओर की त्वचा कड़ी पड़ जाती है, बदबूदार गाढ़ा मवाद बहता है और घाव में डंक मारने की तरह दर्द होता है।…
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हड्डी के सड़ने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Caries and Necrosis of Bone ]
यदि शरीर के किसी हिस्से की हड्डी क्षीण हो जाए यानी अस्थि-क्षय हो और वहां से पस आदि निकलने लगे, तब निम्न औषधियां अच्छा काम करती है। स्नायु-संस्थान की उत्तेजना में भी ये लाभकारी हैं। शरीर की भिन्न-भिन्न हड्डियों के क्षय में इनका प्रयोग करें।…
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हड्डी के टूटने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Bone Fracture ]
किसी दुर्घटना में किसी स्त्री या पुरुष की हड्डी बाहर निकल आए, तो बुद्धि से काम लेकर टूटी हड्डी को मिला देने की चेष्टा करनी चाहिए। इस समय में यह ध्यान रखना चाहिए कि वृथा खींच-तानकर रोगी को अधिक कष्ट नहीं देना चाहिए। टूटी हड्डी को मिलाते समय…
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हडी मेरुदंड और जोड़ों के रोग का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Bone Spine and Joint…
यदि गिर जाने, चोट लगने या दुर्घटना के कारण शरीर के किसी अंग की हड्डी टूट जाए या किसी स्थान की त्वचा कट या फटकर रक्त निकलने लगे, तो सर्वप्रथम थोड़ा गुनगुना पानी, या फिर ठंडे पानी के साथ कैलेण्डुला 30 का टिंक्चर मिलाकर साफ पट्टी या रुई रखकर,…
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जलोदर (पेट में पानी भरना) या शरीर के अंगों में पानी भरने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine…
यकृत-रोग की अंतिम अवस्था में जो जलोदरी (ऐसाइटिस) होती है, अर्थात पेट में पानी इकट्ठा होता है। इसके अतिरिक्त गुर्दे का रोग, अंत्रावरक-झिल्ली (पेरिटोनियम) का रोग और प्लीहा (तिल्ली), फुसफुस, हुत्पिण्ड, स्वरयंत्र, स्वल्प-विराम ज्वर, कैंसर,…
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यकृत (जिगर) के रोग का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Liver Troubles ]
यकृत के विविध रोग निम्न हैं, जिनमें से कुछ के बारे में पीछे बता आएं हैं। और शेष का वर्णन यहां कर रहे हैं
यकृत में दर्द (Liver Pain)
बैप्टीशिया 12 — यकृत-प्रदेश में दुखन रहती है; पित्तकोष का स्थान दुखता है, इस दुखन के साथ रोगी को दस्त भी आ…
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यकृत शोथ या हेपाटाइटिस का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hepatitis ]
पुराना मलेरिया ज्वर, कुनीन (क्विनाइन) का अपव्यवहार, अधिक शराब का प्रयोग करना, गरम स्थानों में रहना आदि कारणों से यकृत में रक्त एकत्र होकर प्रदाह हो जाता है; यकृत बढ़ जाता है और कड़ा हो जाता है तथा धीरे-धीरे पेट के दाहिनी ओर फैल जाता है, तब…
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प्लीहा (स्प्लीन) की वृद्धि या स्प्लेनोमेगाली का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For…
प्लीहा का बढ़ना, रक्त की कमी, रक्त का स्राव होना, यकृत बढ़ना, कामला या उदरी-रोग हो जाना; यह रोग हमेशा पुराने आकार में ही दिखाई देता है। बढ़ी हुई प्लीहा ही इसका पहला लक्षण है। शरीर में रक्त कम हो जाता है, रक्त का वमन होता है और इसी से यकृत…
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