Gatime Meru Vakrasana Method and Benefits In Hindi
गतिमय मेरु वक्रासन
विधि
अपने आसन में सामने पैर फैलाकर बैठ जाएँ। अब दाएँ हाथ को बाएँ पैर के अँगूठे के पास लाएँ। हो सके तो स्पर्श कराएँ। अपने शरीर के कमर से ऊपरी भाग को बाईं तरफ़ मोड़ते हुए बाएँ हाथ को पीछे की तरफ़ फैला दें एवं ऊपरी धड़ को मोड़ते हुए बाएँ हाथ को देखने का प्रयास करें। इस प्रकार दोनों हाथ एक सीध में हो जाएँगे। ठीक इसी प्रकार दूसरी तरफ़ से भी करें। यह 1 चक्र हुआ। इस प्रकार 10 से 20 बार करें। अभ्यस्त हो जाने पर गति बढ़ा सकते हैं। मुड़ते समय श्वास लें और वापस आते समय श्वास छोड़ें।
लाभ
- मेरुदण्ड और पीठ के आंतरिक अंगों की मालिश होती है।
- उदर प्रदेश को निरोगता प्रदान करता है।
- फेफड़ों के सामान्य विकार दूर होते है।
- पेट के मोटापे को दूर करने में सहायक है।
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