मेरुदण्ड का टेढ़ापन या मेरुवक्रता या स्कोलिओसिस का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Scoliosis ]

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पीठ की किसी कक्षेरुका की सूजन या क्षय से यह रोग होता है। इसमें रीढ़ की हड्डी (मेरुदंड) टेढ़ी हो जाती है। रोगी सीधा नहीं चल सकता, एक तरफ को टेढ़ा होकर चलता है, उसे अत्यधिक पीड़ा होती है।

कैल्केरिया फाँस 3 — मेरुदंड का टेढ़ा हो जाने पर रोगी को आराम से लेटा रहना चाहिए ताकि मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) पर बोझ न पड़े, साथ ही यह औषधि प्रति 8 घंटे लेनी चाहिए।

कैल्केरिया कार्ब 30 — मोटे और थुलथुल व्यक्तियों को, जो शीत-प्रकृति के हों, पीला चेहरा हो, इस औषधि का प्रति 8 घंटे सेवन करना चाहिए।

साइलीशिया 30 — दुबले-पतले, शीत-प्रकृति तथा रिकेट्स के शिकार, सिर-माथे पर बदबूदार पसीना, शक्तिहीन व्यक्तियों के लिए यह औषधि अत्यंत उपयोगी है। दिन भर में 3 बार दें।

फास्फोरस 30 — दुबले-पतले, सिकुड़ी छाती वाले रोगियों के लिए अति उत्तम औषधि है।

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