घुटने की सूजन का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Synovitis ]

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किसी चोट आदि के कारण अथवा अकारण ही कभी-कभी घुटने के जोड़ या टखने के जोड़ में पानी इकट्ठा हो जाता है, इससे सूजन आ जाती है और भयंकर कष्ट होता है। यह एक कष्टकर घातक रोग है। इस रोग में उपचार की शीघ्र व्यवस्था करनी चाहिए तथा किसी योग्य शल्य-चिकित्सक की सेवाएं भी लेनी चाहिए।

लीडम 30 — घुटने के जोड़ में किसी चोट इत्यादि के लगने से पानी इकट्ठा हो जाए, जिससे घुटने में सूजन आ जाए और रुग्ण-स्थान को स्पर्श तक न किया जा सके, तीव्र पीड़ा हो, किंतु ज्वर आदि की शिकायत न हो, तब यह औषधि लाभ करती है।

कैल्केरिया कार्ब 30, 200 — यदि किसी बालक को यह रोग हो गया हो और वह बड़े कठिन दौर से गुजर रहा हो, दर्द और पीड़ा से दुखी हो, तो यह औषधि उपयोगी है।

एपिस 30 — घुटने के जोड़ में पानी भर जाता है, इकट्ठा हो जाता है, शोथ होता है और इस शोथ में ठंडे पानी की पट्टी रखने से राहत मिलती है। जोड़ में चाकू से काटने का-सा, डंक मारने का-सा दर्द होता है और पैर हिलाते ही दर्द में वृद्धि हो जाती है। इस कष्टदायक रोग में एपिस बहुत लाभकारी है।

ब्रायोनिया 30 — यदि रोगी वात-व्याधि से पीड़ित हो, चोट लगने से जानु-शोथ हो गया हो और रोगी को तेज ज्वर चढ़े; रोगी हृष्ट-पुष्ट, स्वस्थ प्रकृति का हो, उसके घुटने में गाड़ी लाली हो, सूजन (शोथ) अधिक हो; दर्द आरंभ होकर बंद ही नहीं होता। इस औषधि में घुटने के जोड़ की सूजन पीलापन लिए लाल होती है। सूजन में कसापन, जकड़न होती है मानों सूजन का स्थान जकड़ा पड़ा है, सूई चुभने जैसी तेज टीस उठती है, चुभनं होती है, हरकत से दर्द बढ़ जाता है, किंतु बिस्तर की गर्मी से आराम मिलता है।

सल्फर 6, 30 — यदि ब्रायोनिया से कोई लाभ होता न दिखे, तो यह औषधि देनी चाहिए।

कैलि आयोडाइड 3 — यदि जानु (घुटने) का शोथ स्पंज की तरह का हो जाए, जोड़ के भीतर बेहद गर्मी महसूस हो; कुरेदता-सा लगे, छिद्र करता-सा दर्द हो, रात्रि में दर्द बढ़ जाए, बहुत बेचैनी हो, तो इस औषधि को देने से लाभ शीघ्र होता है।

मर्क सोल 30 — यदि घुटने में पानी इकट्ठा हो जाने पर जोड़ सड़ने की स्थिति को पहुंच जाएं, तब यह औषधि उपयोगी है। इस औषधि का निर्णय करते हुए इसके विशिष्ट लक्षण को ध्यान में रखना चाहिए, जैसे रात्रि में रोग की वृद्धि होना, पसीना अधिक आना, किंतु ठंड का भी अनुभव होना तथा रुग्ण-स्थान में बहुत ज्यादा दर्द का रहना।

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