Mudra: An Approach Method and Benefits In Hindi

334

मुद्रा: एक दृष्टिकोण

हमारे ऋषि-मुनियों ने इस मानव-जाति को बहुत कुछ दिया। हमारे ग्रहण करने की क्षमता में ही कुछ कमियाँ थीं अन्यथा आज हमारे देश के पदचिन्हों पर पूरा विश्व चल रहा होता। अनेक रहस्यों से उन्होंने पर्दा हटाया। एक से एक विद्याएँ हमें प्रदान कीं और उसी श्रृंखला में यह एक विज्ञान है जिसे हम मुद्रा विज्ञान कहते हैं। यह आसन, प्राणायाम से अधिक गहरी पहुँच वाला, सूक्ष्म माना जाता है। इनका प्रभाव इतनी गहराई तक पहुँचता है कि हमारी समस्त जीवनदायिनी ऊर्जा की क्षमता अधिक प्रखर और अंतरोन्मुख बनाई जा सके एवं उनमें जो दुर्बलता, रुग्णता व शिथिलता का समावेश हो गया है उसका निवारण हो सके। इन मुद्राओं का उपयोग कर हम अपने जीवन में अधिक प्रभावशाली व्यक्तित्व और आध्यात्मिकता की चरम सीमा का आनंद उठा सकते हैं।
घेरण्ड संहिता में पच्चीस मुद्राओं का वर्णन आता है जो कि सभी अनगिनत लाभों की जन्मदाता हैं परंतु मुख्य रूप से हम उन मुद्राओं का वर्णन करेंगे जिनका प्रचलन ज़्यादा है। अन्य मुद्राओं के लाभ भी हमें इन्हीं मुख्य मुद्राओं से प्राप्त होते हैं। ये सभी मुद्राएँ सरल हैं एवं क्रमिक रूप से हमें सार्थकता प्रदान करती हैं।

Comments are closed.