Parvatasana, Viogasan Method and Benefits In Hindi
पर्वतासन/वियोगासन
शाब्दिक अर्थ: ‘पर्वत’ को हम बोलचाल की भाषा में ‘पहाड़’ भी कहते हैं। पर्वतासन को वियोगासन भी कहते हैं।
विधि
पद्मासन में बैठे। हाथों को नमस्कार की स्थिति में ऊपर उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएँ या पंजों को एक-दूसरे में फंसाकर ऊपर उठाएँ। हाथ पूर्ण रूप से तने हुए होने चाहिए। आसन की स्थिति में यथासंभव हाथों को ऊपर रोकें।
ध्यान: आज्ञाचक्र पर।
श्वासक्रम: हाथ ऊपर उठाते समय श्वास लें और नीचे लाते समय श्वास छोड़ें।
समय: यह क्रिया 5-6 बार कीजिए । 1 से 2 मिनट तक करें।
लाभ
- हाथों का काँपना बंद होकर हाथों की माँसपेशियाँ मज़बूत होती हैं।
- फेफड़े मज़बूत होते हैं। मेरुदण्ड पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
- हर्निया पर भी सामान्य प्रभाव पड़ता है।
- स्त्रियों के उरोजों को सही आकार देता है।
टिप्पणी
- यह घुटनों के बल खड़े होकर भी किया जाता है (देखें गोरक्षासन) ।
- सूर्य नमस्कार में स्थिति नं. 5 को भी पर्वतासन कहते हैं।
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