Camel Pose, Ustrasana Method and Benefits In Hindi

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उष्ट्रासन

आकृति: उष्ट्र का अर्थ ऊँट है।

विधि

वज्रासन में बैठ जाएँ और घुटनों के बल खड़े हो जाएँ अब पीछे की तरफ़ झुकते हुए दाहिने हाथ से दाहिनी एड़ी एवं बाएँ हाथ से बाईं एड़ी को पकड़े। सिर को पीछे झुकाएँ। उदर प्रदेश, नाभि एवं उपस्थ क्षेत्र को आगे की ओर उभारें। सिर एवं मेरुदण्ड को अधिक से अधिक पीछे झुकाएँ और इसी स्थिति में 10-15 सेकंड रहें।
श्वासक्रम: एड़ियों को पकड़ते समय श्वास लें। पूर्ण स्थिति में सामान्य श्वास-प्रश्वास करें।
समय: 10-15 सेकंड।
ध्यान: स्वाधिष्ठान एवं विशुद्धि चक्र पर।
विशेष: मूलाधार का ध्यान करते हुए गुदा द्वार को भीतर की तरफ़ खींचें।

लाभ

  • मोटापा कम करते हुए बदन को छरहरा बनाता है।
  • दमा के रोगी यह आसन अवश्य करें। इससे श्वसन-तंत्र मज़बूत होता है।
  • मधुमेह का नाश करता है।
  • क़ब्ज़ दूर करने की यह रामबाण औषधि है। क़ब्ज़ वाले रोगी प्रतिदिन नियम से करें।
  • पेट-संबंधी सभी रोग दूर करता है।
  • पीठ दर्द व कमर दर्द दूर करता है।
  • फेफड़े मज़बूत करता है।
  • जननेंद्रिय के समस्त रोग दूर करता है।
  • स्त्रियों के कई रोगों के लिए यह आसन अति उत्तम है।
  • नेत्र ज्योति बढ़ाता है।
  • स्वर ठीक करता है।

सावधानियाँ: मेरुदण्ड, पीठ, एवं कमर में यदि कोई जटिल रोग हो तो विवेकपूर्वक करें।
नोट: पूर्ण उष्ट्रासन के लिए हाथों को ज़मीन से स्पर्श कराएँ।

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