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Acute And Chronic Diseases
बालों के पकने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Premature Greying of Hair ]
पाइलोकारपस 1x — यदि बाल असमय में ही पकने लगें, तो इस औषधि की। मात्रा कुछ महीनों तक प्रयोग करें। इससे आगे बालों का पकना बंद हो जाता है।
नैट्रम म्यूर 30 — यदि किसी रोग के कारण बाल पकने लगें, तो यह औषधि प्रयोग कर देखें।
थाइरॉडीन 30, 200 —…
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बालों के रोग का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Hair Disease ]
हार्मोन्स की कमी के कारण कभी-कभी शरीर के किसी भाग को पोषण नहीं मिलता है। प्रायः थाइरॉयड ग्लैंड के हार्मोन के पूर्ण मात्रा में न निकलने की वजह से असमय ही बाल सफेद हो जाते हैं, वह तेजी से झड़ने लगते हैं और सिर गंजा हो जाता है, अतः इसकी…
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शराबियों का प्रलाप या डेलेरियम त्रेमेंस का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Delirium…
अधिक मात्रा में नित्य शराब (मदिरा) पीने से प्रलाप, निद्रा न आना और भ्रांत-विश्वास दिखाई देने का नाम ही "प्रलाप" या "कंपन" है। विशेषकर मस्तिष्क में शराब का विष फैले जाने से यह रोग होता है। शराबी की शराब एकाएक बंद कर देना, शरीर का ठीक प्रकार…
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रोगभ्रम का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Treatment For Hypochondria, Health Anxiety ]
किसी प्रकार का शारीरिक रोग न होने पर भी यह बात मन में बैठ जाना कि कोई गंभीर रोग हुआ है और इसी चिंता में उद्विग्न रहने का नाम व्याधि-कल्पना है। वास्तव में यह एक मानसिक विकृति है। रोगी का माता-पिता के वश में रहना, रति-क्रिया से विमुख रहना या…
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मनोभ्रंश (डिमेंशिया) का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Dementia ]
जिस उन्माद रोग में बुद्धि का कार्य कम हो जाता है, एकदम नष्ट हो जाता है, उसे ही "बुद्धि-वैकला" कहते हैं। यह रोग 6 प्रकार का होता है-(1) नया या तरुण, (2) शराब से पैदा हुआ, (3) हस्तमैथुन के कारण, (4) वृद्धावस्था के कारण, (5) यांत्रिक और (6)…
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मोटापा का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Corpulence, Obesity ]
समूचे शरीर में, त्वचा के नीचे अधिक परिमाण में चर्बी बढ़ जाने को "मेद-वृद्धि" या स्थूलकाय रोग कहते हैं। श्वास में कष्ट, थोड़े परिश्रम से ही हांफ जाना, रक्त का ठीक प्रकार से संचालन न होना आदि उपसर्गों के कारण रोगी का शरीर और मन सदैव बिगड़ा…
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गात्र दाह का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Burning Limb ]
शरीर में दाह या जलने साधारणतः ज्वर आदि रोगों को लक्षण भर है। किसी रोग में गात्र-दाह उपस्थित रहने पर निम्न औषधियां लाभ करती हैं
सल्फर 30, 200 — हाथ, पैर, मुंह, नाक, जिह्वा और आंख आदि में मानो अग्नि जल रही हो और शरीर दग्ध हो रहा हो; कोई भी…
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मांसपेशियों में कमजोरी आने का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Progressive Muscular…
मेरुदंड के नीचे का अंश देखने में कोयल की चोंच की तरह है, इसलिए इसे पिकचंचु-अस्थि" (गुदास्थि) कहते हैं। सर्दी या चोट लगने, शरीर की खुजली बैठ जाने, अस्त्र के सहारे प्रसव कराने आदि कारणों से इस रोग की उत्पत्ति होती है।
कॉस्टिकम 6 — जकड़ जाने…
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निस्पंद-वायु रोग का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Catalepsy ]
जिस आक्षेपिक या स्नायविक रोग में अपनी इच्छानुसार चला-फिरा नहीं जाता या बेहोशी के साथ सब पेशियां अकड़ जाती हैं या कड़ी हो जाती हैं, किंतु रक्त का संचालन ठीक-ठीक बना रहता है, उसे ही निस्पंद वायु-रोग कहते हैं। निस्पंदावस्था में रोगी के हाथ-पैर…
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कंपकपाहट का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Shivering ]
अपस्मार (मिर्गी) रोग में जिस प्रकार कंपकंपी आकर रोगी अचेत हो जाता है, इस रोग में भी उसी प्रकार रोगी को कंपकंपी आती है, अंतर केवल इतना है कि इसमें वह अचेत नहीं होता है यानी पूरी तरह होश में रहता है।
ऐगारिकस 3 — रोगी का हाथ-पैर कांपना, शरीर…
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