Gatimay Uttan Padasana Method and Benefits In Hindi
गतिमय उत्तानपादासन
पीठ के बल ज़मीन पर लेट जाएँ। हथेलियाँ अगल-बगल में रखें। श्वास लेते हुए बाएँ पैर को इतना उठाएँ कि समकोण की आकृति निर्मित हो, कुछ देर रुकें एवं श्वास । छोड़ते हुए वापस मूल अवस्था में आ जाएँ। इस प्रकार बाएँ पैर से 5-6 बार करें। यही क्रिया दाएँ पैर से करें। अब यही क्रिया दोनों पैरों से एक साथ करें।
लाभ
उदर प्रदेश, पाचन तंत्र, मेरुदण्ड, पीठ के निचले हिस्से की पेशियों को मज़बूत बनाता है। लोच व लचक पैदा करता है।
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