आँख आना या नेत्र शोथ या कंजंक्टिवाइटिस का होम्योपैथिक इलाज [ Homeopathic Medicine For Pink eye, Conjunctivitis ]

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आंख की पलक जो ऊपर उठती और नीचे गिरती है, उसके अंदर कभी-कभी सूजन हो जाती है, इसको “कंजक्टिवाइटिस” कहते हैं। यह पलक के अंदर की तरफ सूज जाना है।

पल्सेटिला 30, अर्जेन्टम नाइट्रिकम 30 — इस रोग में इन दोनों के समानं लक्षण हैं। आंख से गाढ़ा, पीला या पीला-नीला स्राव निकलता है। यह स्राव न लगने वाला होता है; पूय और कीचड़ के कारण सुबह आंखें नहीं खुलतीं, तब इनसे लाभ पहुंचता है।

युफ्रेशिया 6 — इस औषधि का आंख तथा नाक की श्लैष्मिक-झिल्ली पर विशेष प्रभाव है, इसलिए आंख आने और जुकाम में यह औषधि दी जाती है। आंख की पलक सूज जाती है, पलक अंदर से लाल हो जाती है, वहां छोटे-छोटे छाले और घाव हो जाते हैं; आंख से लगने वाला गाढ़ा स्राव निकलता है। यह स्राव गालों पर लगकर वहां की त्वचा को छील देता है। आंख में चोट आदि लगने के कारण यदि यह रोग हो जाए, तो यह औषधि अच्छा काम करती है।

आर्सेनिक 6 — आंख आग की तरह जलती है, रोगी बहुत बेचैन होता है। मध्य-रात्रि में रोग की वृद्धि हो जाती है; आंख को गरम सेक से आराम पहुंचता है। यह औषधि प्रयोग करें।

बेलाडोना 30 — रोगी प्रकाश को बिल्कुल भी सहन नहीं कर पाता है। उसको ऐसा लगता है, जैसे आंखें सूजकर बहुत बड़ी-बड़ी हो गई हैं। पलकों का भीतरी भाग चमकीला लाल होता है। इस औषधि का प्रभाव विशेष रूप-से बाई की अपेक्षा दाई आंख पर अधिक होता है। रोग का आक्रमण एकदम होता है, दर्द भयंकर होता है, सब लक्षण तेज होते हैं; इसे देने से लाभ होता है।

एकोनाइट 6, 30 — यदि पलक की सूजन आंख के ऑपरेशन से हुई है, ठंड लगने से, खुश्क ठंडी हवा के कारण हुई है; आंख में तीव्र जलन है, खुश्की है और ऐसा लगता है कि आंख में रेत का कण खड़क रहा है; दर्द इतना अधिक है कि सहन नहीं हो पा रहा है। आंख का गोलक आंख से बाहर निकलता प्रतीत हो रहा है। यदि इस प्रकार के लक्षण हों, तो यह औषधि देनी चाहिए।

एपिस 3 — आंख की पलक सूज जाती है, पलक का भीतरी हिस्सा लाल हो जाता है, आंख से गरम पानी निकलता है, तेज दर्द होता है, पलकें सूज जाती हैं, इन लक्षणों में यह औषधि दें।

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