What Asana not to do in a disease In Hindi

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किस रोग में कौन सा आसन न करें?

उच्च रक्तचाप/चक्कर आना/मानसिक रोग/जटिल हृदय रोगी/गले से संबंधित कोई पुराना रोग

शीर्षासन, हलासन, विपरीतकरणी, धनुरासन, सर्वांगासन (अधिक देर तक न करें) एवं प्रत्येक योगासन में दिए गए सावधानियों का ध्यान दें।

कानों में मवाद/स्थानांतरित चक्षुपटल से पीड़ित

उलट-पुलट वाले आसन।

अपेन्डिसाइटिस/हार्निया

पश्मिोत्तानासन, योग मुद्रासन, पीछे मुड़ने वाले आसन।

स्लिप डिस्क/साइटिका/सर्वाइकल दर्द

सामने की तरफ़ झुक कर किए जाने वाले आसन।

गर्भावस्था के दौरान

उदर-प्रदेश पर किसी भी प्रकार का दबाव न पड़े ऐसे आसन ही करें। आसन करने से पूर्व योग्य शिक्षक से उचित परामर्श ज़रूर लें।

गर्भावस्था के बाद

प्रसूति के पश्चात् कम से कम तीन महीने तक कोई भी आसन न करें। इसके बाद हल्के-फुल्के सूक्ष्म व्यायाम किए जा सकते हैं।

महिलाओं के लिए

मासिक स्राव के समय कोई आसन न करें। सर्वांगासन, शीर्षासन जैसे आसन तो कदापि न करें।

विशेष नोट

  • उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, हार्निया वाले रोगी एवं वे सभी जो उचित अभ्यास को ढंग से क्रियान्वित नहीं कर पाते किसी योग्य योग शिक्षक की देख-रेख में ही करें।
  • कहीं-कहीं हमने आसनों के नीचे भी उल्लेख किया है कि वह किस रोग से सम्बंधित है अतः कृपया अभ्यास करने से पूर्व इस बात का विशेष ध्यान रखें।
  • वैसे तो योग के सभी आसन लाभ प्रदान करते हैं परंतु विशेष रूप से किसी रोग ग्रस्त व्यक्ति को यह जानकारी होना बेहद ज़रूरी है कि वह कौन सा आसन करे अथवा कौन सा आसन न करे। अतः योगाभ्यास प्रारंभ करने से पूर्व विवेक पूर्वक पुस्तक का अध्ययन करें।

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