Time Table In Hindi

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अभ्यासावली – (एक नज़र)

सभी व्यक्तियों के लिए एक जैसी अभ्यासावली तैयार करना उचित नहीं है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अलग कद-काठी, अलग उम्र, अपने-अपने शरीर की लोच-लचक, विभिन्न प्रकार के विचार और रोग भी हो सकते हैं। इस पुस्तक को हमने हर प्रकार से सम्पूर्ण बनाने की कोशिश की है। अतः हमारा निवेदन है कि पुस्तक को कई बार पढ़े और अपनी अनुकूलता के अनुसार एक पेज पर आसन प्राणायाम आदि नोट करते जाएँ। अच्छी शुरुआत करने के लिए हमने इसे निम्नलिखित भागों में बाँटते हुए प्रस्तुत किया है।
प्रारम्भिक अभ्यासावली: इसके अन्तर्गत वे व्यक्ति आएँगे, जो शुरुआत करना चाहते हैं। जो कड़क शरीर वाले हैं या जिनको कोई बहुत जटिल बीमारी है। तथा किसी कारणवश मध्यम या उच्च अभ्यास नहीं कर सकते। गर्भवती स्त्रियों को भी शुरुआत के 3 से 4 महीने बहुत ही सरल आसन करने चाहिए। इन्हें भी योग-चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद ही करें।
पहले महीने के लिए 1 घंटा – यौगिक सूक्ष्म व्यायाम/पवनमुक्तासन समूह व उर्जा प्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ 40 मिनिट। अनुलोम विलोम प्राणायाम10 मिनट। शवासन/हास्ययोग/योगनिद्रा – 10 मिनिट।
दूसरे महीने के लिए 1 घंटा – यौगिक सूक्ष्म व्यायाम/पवनमुक्तासन समूह व उर्जाप्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ 40 मिनट। अनुलोम विलोम/उज्जायी प्राणायाम 10 मिनट। मकरासन, शवासन, योगनिद्रा/हास्ययोग 10 मिनट।
तीसरे महीने के लिए 1 घंटा – पवनमुक्तासन समूह व उर्जाप्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ 30 मिनट। वज्रासन, मार्जारी आसन, शवासन – 15 मिनट। अनुलोम विलोम प्राणायाम, उज्जायी, योगनिद्रा, हास्ययोग – 15 मिनट

मध्यम समूह

पहले महीने 1 घंटा – पवनमुक्तासन समूह व उर्जाप्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाएँ 15 मिनट। वज्रासन, मार्जारी, व्याघ्रासन (प्रथम विधि) शशांक आसन, भुजंगासन, ताड़ासन, अर्धशलभासन 20 मिनट। अनुलोम विलोम, उज्जायी 15 मिनट। मकरासन, शवासन, योगनिद्रा, हास्य योग 10 मिनट।
दूसरे महीने 1 घंटा या 80 मिनट – पवनमुक्तासन समूह (व्यक्ति अपने हिसाब से चयन करें) सूर्य नमस्कार 2 से 3 आवृति। 15 मिनट से 20 मिनट। सुखासन, अर्ध पद्मासन, वज्रासन, शंशाकासन, भुजंगासन, तिर्यक भुजंगासन, शलभासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, चक्रासन, धनुरासन, हस्त पादासन, शवासन, उज्जायी प्राणायामभ्रामरी प्राणायाम, उद्गीथ प्राणायाम, योगनिद्रा, हास्ययोग।
तीसरे महीने 1 घंटा/80 मिनट – सूर्य नमस्कार 2 से 3 आवृति। पद्मासन, वज्रासन, सुप्त वज्रासन, शंशाकासन, भुजंगासन, त्रिर्यक भुजंगासन, सर्वांगासन, त्रिकोणासन, चक्रासन धनुरासन, हलासन, मत्स्यासन, ताड़ासन। पश्चिमोत्तानासन, शवासन, उज्जायी, कपाल भाति (धीरे-धीरे) भ्रामरी, उद्गीथ प्राणायाम, योगनिद्रा, हास्ययोग।
मध्यम समूह के आसन के साथ कुछ उच्च अभ्यास के आसन भी शुरू कर देने चाहिए। उपरोक्त अभ्यासावली जनसामान्य के लिए तैयार की गई हैं, जिसका उपयोग गुरु की देखरेख में विवेकपूर्वक करना चाहिए। योग का समय 1 से डेढ़ घंटा रखना चाहिए। उसमें लगभग वे सभी प्रकार के आसन समूह आ जाते है। जो कि विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने में कार्यकारी होते है।
हमें सूक्ष्मव्यायाम, स्थूल व्यायाम, उर्जाप्रदायक विशेष आसन एवं क्रियाओं, पवनमुक्तासन समूह की क्रियाओं में से कुछ क्रियाओं को जो कि उस समूह को या व्यक्ति को अति आवश्यक लगती हैं, क्रमशः 10 से 15 मिनट अवश्य करें। ताकि शरीर आगे करने वाले आसनों को शक्ति प्रदान एवं जटिलताओं को दूर कर सकें। इसके बाद पद्मासन वाले समूह या ताड़ासन वाले समूह के आसनों से शुरू करें, परन्तु एक बात जो बहुत ज़रूरी और ध्यान रखने योग्य है कि हम जिस प्रकार का भी आसन करें, उसके विपरीत पोजीशन (स्थिति) वाले अभ्यास भी अवश्य करें। इस प्रकार करने से उस आसन के द्वारा कदाचित् जटिलता आ भी गई हो तो वह विपरीत आसन से दूर हो जाती है। जैसे शीर्षासन करें तो उसके बाद ताड़ासन करें, धनुरासन करें तो पश्चिमोत्तानासन करें एवं पद्मासन में यदि बायाँ पैर पहले रखते हैं, तो आसन समाप्ति के बाद दाहिने पैर को भी पहले रख कर करें। इस प्रकार योग की समस्त क्रिया कलापों को समझते हुए हमें जीवन में योग को अपनाकर उसका सम्पूर्ण लाभ उठाना चाहिए।
मध्यम व उच्च – मध्यम समूह एवं इसके बाद धीरे-धीरे उच्च अभ्यास के आसनों की सारिणी अपनी अनुकूलताओं को समझकर तैयार करें।

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