Yogic Sukshma Vyayama (Simple/Light Exercise) In Hindi

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यौगिक सूक्ष्म व्यायाम (सरल/हल्के व्यायाम)

एक बात हमें अच्छे से समझनी है कि कोई भी काम एकदम से नहीं होता। इसके लिए अभ्यास की ज़रूरत पड़ती है। चाहे वह योगासन हो या कोई भी कसरत। सुबह शरीर कड़ा (जकड़ा) रहता है, इस कारण आसनों का अभ्यास आसानी से नहीं हो पाता। इसके लिए हमें शरीर ढीला (लचीला) करने एवं योगासन की तैयारी के लिए कुछ सूक्ष्म व्यायाम कर लेने चाहिए जिससे आसनों के अभ्यास में सरलता एवं किसी प्रकार के दुष्प्रभाव न हों। वैसे योगाचार्यों के मतानुसार सूक्ष्म व्यायाम सूक्ष्मप्राण का नियमित विकास करता है एवं नामानुसार शरीर को संतुलित भी करता है।
चूंकि लगभग ये सभी आसन गतिमय वायुनिरोधक (पवनमुक्तासन) एवं शक्तिबंध समूह के अंतर्गत आते हैं अतः हमने इनकी अलग से परिभाषा न देकर सूक्ष्म व्यायाम में ही सम्मिलित किया है। साधकगण इनका प्रयोग कर क्रमशः लाभ उठाएँ (लेखक ने कई जगह योग केंद्रों में जाकर देखा है कि कहीं इन्हें पवनमुक्तासन समूह तो कहीं सूक्ष्म व्यायाम के नाम से कराया जाता है) ।
योगाचार्य गुरुदेव फूलचंद योगीराज ने उनके गुरु स्वामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारी से ये यौगिक सूक्ष्म व्यायाम सीखे एवं उन्होंने मुझे इसकी शिक्षा प्रदान की। गुरुदेव का कहना है कि स्वामी धीरेन्द्र ब्र. हमेशा कहते थे कि ये सूक्ष्म व्यायाम जन-जन तक पहुँचे और वे लाभान्वित हो। मैं गुरुदेव का, स्वामी कार्तिकेय जी व स्वामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारी का आभार व्यक्त करता हूँ।

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